SHIVPURI NEWS - जिले में 5 हजार से अधिक लाडलियो के नाम योजना से नाम काटे गए

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी जिले में लाडली बहना योजना को लेकर खबर मिल रही है कि जिले की 5 हजार से अधिक महिलाओ के लाडली बहना योजना से नाम काट दिए गए है,बताया जा रहा है कि मप्र शासन ने इस योजना में फिल्टर लगा दिया गया ळे इस फिल्टर ने इस संख्या को लिस्ट से काट दिया गया है,बताया जा रहा है कि आगे भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी।


मप्र में भाजपा की प्रचंड बहुमत में लाडली बहना योजना का भी योगदान रहा है,लेकिन जब सीएम शिवराज को नहीं बनाया था तो मप्र की लाडलियो को लग रहा था कि शायद यह योजना अब बंद हो जाएगी,लेकिन पिछले माह की 10 तारीख को वर्तमान सीएम ने सिंगल क्लिक से राशि ट्रांसफर की थी। इस योजना को आगे जारी रखने से पहले सरकार ने एक फिल्टर लगा दिया है।

जिसके तहत जो महिलाएं अपनी स्वेच्छा से इस लाभ को छोड़ना चाहती हैं, उनके नाम हटाने के साथ ही अपात्र महिलाओं को भी इसमें से हटाया जा रहा है। साथ ही जिन महिलाओं की उम्र 60 वर्ष हो गईए वे भी इस श्रेणी से बाहर हो जाएंगी। इस तरह जब पहली छंटनी हुई तो ऐसी एक.दो नहीं बल्कि 5395 महिलाओं के नाम लाडली बहना योजना से कट हो गए। साथ ही प्रक्रिया जारी होने से लाड़ली बहना योजना में फिल्टर अभी चलता रहेगा तथा बहनों के
नाम अभी और भी कट होगें।

ऐसे कम हो गए लाडली बहना के नाम
महिला बाल विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 632 महिलाओं ने लाभ परित्याग कर दिया, यानि उन्होंने इतने महीने तक लाडली बहना का पैसा लेने के बाद अब उन्हें लगा कि वो गलत ले रही हैं, तो उन्होंने लाभ परित्याग कर दिया। इसी क्रम में 23 महिलाओं की मृत्यु हो जाने से तथा जांच में 1495 महिलाएं अपात्र पाई गई, यानि वे लाडली बहना योजना की पात्रता में नहीं थीं। इसके अलावा 3245 महिलाएं ऐसी थी, जो योजना शुरू होने के समय तो 60 साल से कम उम्र की थी, लेकिन वर्ष 2024 में सीनियर सिटीजन की श्रेणी में आ गई, इसलिए उनके नाम भी कट हो ,।

अब रह गई जिले में 295008 लाड़ली
शिवपुरी जिले में पहले लाड़ली लक्ष्मी बहना योजना में कुल महिलाओं का आंकड़ा 300403 था, लेकिन अब 5395 महिलाओं के नाम कट हो जाने से अब जिले में 295008 लाड़ली बहना रह गईं। यह आंकड़ा तो 23 जनवरी का है, जबकि नाम कम होने की प्रक्रिया अभी भी जारी है।

हमने किसी के नाम नहीं हटाए
लाडली बहना योजना में कुछ ने स्वेच्छा से लाभ त्याग दिया, तो कुछ मृत हो गईं। जिनकी उम्र 60 साल हो गए, उनके नाम भी स्वतः हट जाएंगे। शासन से ऐसे कोई आदेश नहीं आए हैं कि हमें उनके नाम काटना है। यह प्रक्रिया तो स्वतः ही हो रही है।
देवेंद्र सुंदरियाल,डीपीओ महिला बाल विकास विभाग शिवपुरी