शिवपुरी। पिछोर थाना अंतर्गत जुंगीपुरा में पांच माह पहले हुई एक युवक की हत्या पहले तो दो थानों के बीच उलझ कर रह गई और अब उसकी हत्या का मामला फाइलों में दफन होकर रह गया है। मंगलवार को गांव के आधा सैकड़ा से अधिक लोगों ने पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंप कर मामले की पड़ताल कर आरोपियों का खुलासा करने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार नया खेड़ा थाना बसई जिला दतिया के रहने वाले कमल सिंह राजपूत पुत्र विधाधर ने बताया कि बीते 4 अगस्त 2023 की रात की हैं। मेरा बेटा आनंद अपने घर से किसी काम के लिए निकला था और वह करीब 8 बजे निकला था। उसका दोस्त सतेन्द्र राजपूत और कमलेश यादव निवासी जुंगीपुर भी था उसे अपनी मोटरसाइकिल से लेने आया था। लेकिन सुबह मुझे पता चला कि मेरा बेटा आनंद फील्ड फायरिंग रेंज मौजा जुंगीपुर थाना पिछोर में लहूलुहान अवस्था में मृत पड़ा मिला।
जिसके बाद उक्त घटना की रिपोर्ट भी थाना पिछोर में दर्ज हैं जिसमें देवेन्द्र राजपूत पर शक दर्शाया गया था लेकिन आज तक आरोपियों का कुछ भी पता नहीं चला,पुलिस पिछोर के पास जाते हैं तो वह कहती हैं कि जांच चल रही हैं और हमें गुमराह कर देते हैं कि किसी लड़की का चक्कर था इसलिए तुम्हारे बेटे की जान चली गई।
जबकि हमारे बेटे की लाश जिस अवस्था में मिली थी वह बहुत भयानक थी, बेटे की आंखें भी निकाल ली गई थी। जिसके बावजूद भी पुलिस ने 5 महीने बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की। और बस हमें उलझाती रहती हैं। मृतक की शादी हो गई थी और उसके 2 बच्चे भी थे।
आनंद था जुआ खेलने का आदी
मृतक के स्वजन और साथ आए लोगों की मानें तो मृतक आनंद राजपूत व संदेही देवेंद्र राजपूत के बीच पैसों को लेकर विवाद था। इसी विवाद के चलते हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया गया है। मृतक और संदेही जुआ खेलने के शौकीन थे और पैसों को लेकर विवाद था।
मौके पर बीयर की बोतल मिले, जो इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि आरोपी और मृतक पहले घटना स्थल पर पहुंचे होंगे और वहां बीयर पीने के बाद विवाद होने पर मृतक को मौत के घाट उतारा गया होगा। यही कारण है कि बीयर की बोतल पर रिपोर्ट के अनुसार मल्टीपल फिंगर प्रिंट के निशान आए हैं।
सिम निकले तो आगे बढ़े जांच
इस मामले में ज्ञापन के दौरान पिछोर एसडीओपी ने बताया कि मृतक के पास उसका मोबाइल नहीं मिला था। ऐसे में उन्होंने मृतक के स्वजनों को सलाह दी थी कि उसके आधार कार्ड के आधार पर उसकी दूसरी सिम निकलवा लो। अगर वह सिम निकल आएगी तो वाट्सएप आदि के रिकार्ड से शायद कुछ सुराग मिल सके। वहीं मृतक के स्वजनों का कहना है कि यह पुलिस जांच का विषय है, सारे रिकार्ड पुलिस आसानी से निकलवा सकती है, परंतु कहीं न कहीं मामले को दबाया जा रहा है। इसी कारण इधर उधर की बातें कर रही है।