शिवपुरी। शिवपुरी जिले के करैरा अस्पताल में पदस्थ डॉ देवेन्द्र खरे की रिश्वत भरी शिकायते मिलने के उपरांत संभागायुक्त दीपक सिंह ने सस्पेंड कर दिया है। कमिश्नर ने कलेक्टर शिवपुरी ने डॉ देवेन्द्र खरे की 5 शिकायती आवेदन की जांच उपरांत प्रतिवेदन पर की हैं,यह शिकायते शिकायती आवेदन सहित सीएम हेल्पलाइन में भी लगी थी,इसमें मुख्य शिकायत थी कि डॉ खरे ने एक मामले में पीएम करने के एवज में मृतक के परिजनों से 30 हजार रुपए की मांग की थी इस रिश्वत की मांगने का वीडियो वायरल भी हुआ था।
तुम्हें भी शासन से 4 लाख रुपए की सहायता राशि मिलेगी
बीते 10 नवंबर 2023 को दिनारा निवासी जीतू उम्र 28 वर्ष पुत्र घनश्याम केवट की सिंघाड़ा तोड़ते समय पानी में डूबने से मौत हो गई थी। जिसका पीएम करने के बदले में डॉ. देवेंद्र खरे ने मृतक के परिजनों से यह कहते हुए 30 हजार मांगे थे कि तुम्हें भी शासन से 4 लाख रुपए की सहायता राशि मिलेगी। डॉ. खरे द्वारा रिश्वत मांगे जाने की वीडियो बनाकर पीड़ित पक्ष ने भाजपा जिलाध्यक्ष राजू बाथम को भेजी, जहां से यह वीडियो कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी के पास पहुंचा।
कलेक्टर ने डॉ. खरे के खिलाफ बनाए गए प्रतिवेदन में इस मामले के अलावा सुनील कुमार पुत्र कम्मोद सिंह जाटव निवासी सिल्लारपुर को चेहरे व हाथ में चोट व खून निकलने के बाद भी डॉ. खरे ने नो फिजिकल इंजरी इसलिए लिख दिया था, क्योंकि सुनीत ने मुंह मांगी रिश्वत नहीं दी थी। बाद में जब पुनः परीक्षण कराया तो चोटें पाई गई।
मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम.1966 के नियम 9
कमिश्नर ने अपने आदेश में उल्लेख किया है कि डॉ. देवेन्द्र खरे ने शासकीय कार्य में बरती जा रही अनियमितता, स्वेच्छाचारिता, लापरवाही एवं उदासीनता बरती जाने के फलस्वरूप उन्हें मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम.1966 के नियम 9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में डॉ. खरे का मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय जिला शिवपुरी रहेगा। साथ ही संभागायुक्त ने आदेश में यह भी लिखा है कि डॉ. देवेन्द्र खरे की कार्यप्रणाली से विभाग की छवि धूमिल हो रही है, एवं उनकी कार्य प्रणाली में कोई सुधार नहीं हो रहा है। जो मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम का उल्लंघन होकर कदाचरण की श्रेणी में आता है।
रिश्वतखोरी की कई शिकायतें
डॉ. खरे के विरुद्ध शिकायतकर्ता राम लखन पाल निवासी ग्राम कारोठा द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी कि डॉक्टर द्वारा 5 लाख रुपए की मांग की गई तथा आवेदक के ससुर की झूठी पीएम रिपोर्ट बनाई गईं। बीते 26 दिसंबर को जनसुनवाई में नरविजय यादव ने शिकायत की थी कि डॉ. खरे ने मेडिकल रिपोर्ट के नाम पर 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। डॉ. खरे के खिलाफ धर्मेंद्र यादव ने भी सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की थी।