शिवपुरी। शिवपुरी जिले की रन्नौद तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत ढकरोरा के मजरा बरवाया गांव में 50 से अधिक लोग मीजल्स से पीड़ित हैं, जबकि दो बच्चों ने एक सप्ताह में दम तोड़ दिया। चेचक से पीड़ित बच्चे दर्द से कराह रहे हैं, तथा शायद ही कोई ऐसा घर है, जिसमें बीमार न हो। सूचना मिलने के बाद गांव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को 7 एक्टिव केस मिले हैं।
बरबाया गांव में मीजल्स तेजी से फैल रहा है। ग्रामीण इसे छोटी माता मानकर पारंपरिक तौर पर इलाज कर रहे हैं, जिसके चलते उनकी हालत बिगड़ रही है। तीन वर्षीय सलोनी पुत्री सुरेंद्र आदिवासी, की मां ने बताया कि शनिवार को मेरी बेटी की बीमारी की वजह से मौत हो गई, जबकि तीन वर्षीय बालक नित्या पुत्र कल्ला आदिवासी की अभी कुछ दिन पूर्व मौत हो गई थी। गांव में बच्चे लगातार बच्चे इस बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं और चिकित्सा विभाग की टीम नहीं आई है।
यह चल रही गांव में परंपरा
मीजल्स (चेचक) की बीमारी वायरस से फैलती है। पीड़ित लोगों को यदि सही समय पर इलाज मिल जाए तो बीमारी की रोकथाम हो सकती है। इसके उलट जागरूकता के अभाव में ग्रामवासी अभी भी पीड़ितों के नाम माता को जल चढ़ाकर उस पानी को पीड़ित व्यक्ति को पिला रहे हैं। यह परंपरा लंबे समय से चल रही है, जिसके चलते बीमारी गांव के अन्य लोगों को भी अपनी गिरफ्त में लेती जा रही है।
स्थानीय आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता व सहायिका पहुंची गांव
गांव में फैल रही बीमारी की सूचना मिलने पर स्थानीय आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता व सहायिका वहां गई थीं तथा वे ग्रामीणों को सलाह देकर आई थीं कि पीड़ित लोगों को सार्वजनिक जगह पर न जाने दें। साथ ही उन्होंने समझाया कि पीड़ित को साफ कमरे में रखें तथा पीड़ित व्यक्ति के कपड़ों का इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई। ग्रामवासी उनकी इस सलाह को भी नहीं मान रहे हैं।
एएनएम को हटाया, भेज रहे टीम
वहां पर जो एएनएम नीतू सेन पदस्थ है, उसकी लापरवाही व शिकायतों के आधार पर हमने उसे हटाने का प्रस्ताव भेज दिया। हमें भी आज ही पता चला तो हमने स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां भेजी है। वहां पर 7 केस एक्टिव मिले हैं तथा 4 रिकवर हो गए हैं। मरीजों को शिफ्ट कर रहे हैं।
डॉ. पवन जैन, सीएमएचओ शिवपुरी