SHIVPURI NEWS - दुकानों पर 20 प्रकार की गजक के साथ लडडू, धूप निकलते ही मंकर संक्राति की खरीदारी

Bhopal Samachar
मोहन सिंह शिवपुरी। मंकर संक्राति का त्यौहार करीब आते ही बाजार सजने लगे है पिछले दो दिन से ठंड और कोहरे से भी राहत मिली है इसलिए अब बाजार में लोग खरीदारी करने के लिए निकलने लगे है शहर के मुख्य मार्गों पर हाथ ठेले से लेकर मुरैना की प्रसिद्ध गजक की दुकाने सजने लगी है। बाजार की प्रसिद्ध दुकानों पर करीब 15 से 20 प्रकार की गजक उपलब्ध है। जो की 200 रुपये से लेकर 500 रुपये तक उपलब्ध है।

मकर संक्रांति के इस त्यौहार पर सबसे ज्यादा मुरैना की गजक की डिमांड रहती है। इसकी मांग अधिक भी अधिक रहती है जिससे शहर की सभी दुकानों पर करीब 15 से 20 प्रकार की गजक बनाई जाती है जिसे दुकानदार अलग अलग रेट पर बेचते है। शहर के मुख्य मार्ग मिर्ची मार्केट में रोड के बीचो बीच ठेले वाले ने अपने ठेले सजा रखे है ठेले वाले ने अपने ठेले पर ज्वार, मक्का, तिली, मुरमुरे, मूंगफली, आदि के लड्डू के साथ साथ गजक की गई वैरायटी रख कर बेच रहे है। वही कोर्ट रोड पर लगने वाले ठेला लगाने वालो ने भी अपने ठेलो पर कई प्रकार के लड्डू के साथ गजक की बिक्री कर रहे है।

मंकर संक्राति का यह हैं धार्मिक महत्व, सूर्य देव की की जाती है पूजा

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है, तब मकर संक्रांति मनाई जाती हैै। खगोल शास्त्र के मुताबिक, जब सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं, तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है.

मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने का खास महत्व होता है. मान्यता है कि अगर मकर संक्रांति के दिन विधि-विधान के साथ सूर्यदेव का पूजन किया जाए, तो कुंडली में ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है और करियर में सफलता मिलती है. इसके अलावा, मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी दान करने और खिचड़ी खाने की परंपरा है.

शास्त्रों में मकर संक्रांति पर स्‍नान, ध्यान और दान का विशेष महत्व बताया गया है. मकर संक्रांति पर खरमास का भी समापन हो जाता है और शादी-विवाह जैसे शुभ और मांगलिक कार्यों पर लगी रोक हट जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन किया गया दान सौ गुना होकर वापस लौटता है.

संक्रांति का मतलब है, 'सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में संक्रमण (जाना)' साल में कुल 12 संक्रांतियां होती हैं आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, उड़ीसा, पंजाब, और गुजरात में संक्रांति के दिन ही महीने की शुरुआत होती है

शहर के माधव चौक चौराहे पर स्थित प्रेम स्वीट के पास मुरैना गजक है

शहर के माधव चौक चौराहे पर स्थित प्रेम स्वीट के पास मुरैना गजक भंडार के संचालक अशोक राठौर ने बताया कि उनकी दुकान पर गजक बनी लगभग 10 से 15 प्रकार की गजक उपलब्ध है और इसकी तैयारी वह 3 से 4 माह पहले से करते है इसके बाद इस सीजन पर वह दुकान संचालित करते है। वही मिर्ची मार्केट में स्थित मुरैना गजक भंडार के संचालक जगदीश राठौर ने बताया कि वह भी सीजन पर इस दुकान को संचालित करते है। और उसकी दुकान पर करीब 10 से 15 प्रकार की गजक व लडडू उपलब्ध है।

यहां मिलती है 15 से 20 प्रकार की गजक व लड्डू

शहर के मिर्ची मार्केट 14 न. कोटी के पास मामा गजक भंडार के संचालक गिर्राज गर्ग ने बताया कि वह कई सालो से यहां अपनी दुकान संचालित कर रहे है उनकी दुकान पर गंजक की करीब 15 से 20 वेराइटी उपलब्ध है। जो की 200 रुपए प्रति किलो से शुरू होकर 500 रुपए रुपये प्रति किलो तक उपलब्ध है।
1. खस्ता गजक 280 रुपए किलो
2. काजू गजक 320 रुपए किलो
3. कुरकुरी गजक 280 रुपए किलो
4. रॉयल गजक 320 रुपए किलो
5. पेटिस गजक 440 रुपए किलो
6. मूंगफली गजक 160 रुपए किलो
7. डायमंड चिक्की 240 रुपए किलो
8. मावा गजक 320 रुपए किलो
9. शक्कर गजक 280 रुपए किलो
10. सिल्वर बर्फी 120 रुपए किलो
11. आटे के लड्डू 200 रुपए किलो
12. मूंग के लड्डू 240 रुपए किलो
13. बेसन के लड्डू 200 रुपये किलो
14. चूरमा के लड्डू 240 रुपए किलो
15. मावा के लड्डू 320 रुपए किलो
16. डायफ्रुट लडडू 480 रुपए किलो
17. तिली गुण के लड्डू 240 रुपए किलो
18. रंजगिर्रा के लड्डू 240 रुपए किलो
19. चूरमा के लड्डू 240 रुपए किलो
20. रेवडी 160 रुपए किलो