शिवपुरी। शिवपुरी पुलिस को खनियाधाना थाना सीमा में आने वाले गुडर गांव में पीएनबी बैंक में हुई चोरी को ट्रेस कर लिया। यह चोरी 16 दिसंबर की रात हुई थी। पुलिस ने इस चोरी को मात्र 5 दिन में ट्रेस करते हुए, 5 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। ज्ञात हो कि PNB बैंक में लाखों रुपए चोरी होने से पुलिस की सक्रिय गश्त के कारण बच गए थे,चोर बैंक की तिजोरी तक पहुंच गए थे लेकिन पुलिस की गश्त गाडी का सायरन सुनकर भाग गए थे,पुलिस अधीक्षक शिवपुरी रघुवंश सिंह भदौरिया ने प्रेसवार्ता में इस मामले का खुलासा किया है।
खनियाधाना टीआई रत्नेश यादव ने इस मामले की विवेचना शुरू की तो सबसे पहले गुडर गांव के कैमरे को खंगालना शुरू किया तो एक आल्टो कार बैंक चोरी की रात में संदिग्ध दिखी। खनियाधाना में एसबीआई बैंक के सामने खडी पुलिस की गश्त वाहन के सामने से जब यह कार निकली थी जब कार के चालक ने ब्रेक लगाए और रफ्तार धीमी की थी। गुडर के पीएनबी बैंक के बाहर लगे कैमरे को पूरी डिटेल खंगाली गई तो यह कार चोरी की घटना के चार दिन पूर्व आई थी।
16 जनवरी की रात आल्टो कार खनियाधाना से गुडर गांव के रास्ते में लगे कैमरे में कैद भी हुई यह कार इस रात इस रास्ते से दो बार निकली थी। पुलिस ने इस कार को संदिग्ध मानकर इसका नंबर से इसके आनर का पता किया तो इसका आनर खनियाधाना का धीरज साहू निकला। पुलिस ने कडी से कडी जोडते हुए इस चोरी के मामले का सुलझा लिया है,,खनियाधाना पुलिस ने इस चोरी की विवेचना ओर आरोपियों तक पहुंचने में मात्र 5 दिन का समय लिया है।
लूट करने के उद्देश्य से खरीदी गई थी कार
पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया ने बताया कि खनियाधाना कस्बे का रहने वाला धीरज साहू इस मामले का मास्टर माइंड है जो एक कियोस्क संचालक भी है। धीरज द्वारा मकान बनवाया गया था साथ दुकान में सामान भी भरा गया था। इससे धीरज पर करीब 15 लाख रुपए का कर्जा हो चुका था। चूंकि धीरज कियोस्क संचालक है उसे बैंक के बारे में भी जानकारी थी। इसी के चलते बैंक और एटीएम में लूट की वारदात को धीरज द्वारा प्लान किया गया था। लूट के लिए धीरज ने एक कार भी फाइनेंस करा ली थी।
यूट्यूब से सीखा था तरिका
धीरज ने लूट की वारदात को अंजाम देने गिरोह में सदस्यों को जोड़ना शुरू किया। धीरज ने अपनी टीम में पीपलखेड़ा गांव के रहने वाले धर्मेंद्र विश्वकर्माए धर्मेंद्र जाटवए ब्रजेश प्रजापति और मायापुर थाना क्षेत्र के दुर्गापुर गांव के रहने वाले अरविन्द पाल व पिछोर थाना क्षेत्र के नवल जाटव को अपने गिरोह में शामिल कर लिया था। इस टीम में धीरज के अलावा धर्मेंद्र और ब्रजेश भी कर्जे में डूबे हुए थे। प्लानिंग के तहत वारदात को अंजाम देने के लिए गिरोह के सभी सदस्यों ने यूट्यूब पर गैस कटर और लूट के तरीकों के कई वीडियो देखी और समझी।
इंदौर से बुलाया गैस कटर का माहिर
बता दें कि इस गिरोह के किसी भी सदस्य को गैस कटर चलाना नहीं आता था। इसके लिए धीरज के पीपलखेड़ा गांव के रहने वाले सदस्यों ने अपने ही गांव के रहने वाले अनिल झा से संपर्क किया। अनिल झा इंदौर के पीथमपुर के इंडस्ट्रियल क्षेत्र में गैस कटर का काम करता था। अनिल की रजामंदी के बाद पूरी टीम बन गई थी। इसके बाद टीम झांसी से गैस कटर और वारदात में इस्तेमाल होने वाला सामान खरीदकर लाये थे। इसके बाद गिरोह ने आस पास के बैंक और एटीएम की रेकी करना शुरू कर दिया था।
बैंक को बनाया निशाना
गिरोह ने खनियाधाना कस्बे के एक एटीएम को निशाना बनाने का भी प्रयास किया था लेकिन प्रयास असफल रहा। इसके बाद गिरोह ने क्षेत्र में ऐसी जगह को चिह्नित किया जहां पुलिस चौकी न हो साथ ही गश्ती कम होती हो। रेकी के बाद गिरोह ने खनियाधाना क्षेत्र के गुडर गांव को अपना निशाना बनाया। 16 जनवरी की रात गिरोह के सभी सदस्य कार और बाइक पर सवार होकर गुडर गांव के पंजाब नेशनल बैंक पहुंचे। जहां उन्होंने दो लोगों को बाइक पर बैठा कर गांव के बाहर गश्ती पर लगा दिया था। इसके बाद बैंक के पास के घरों को के बाहर से कुंडी लगा दी थी। इसके बाद अनिल झा ने मिनटों में बैंक के ताले और बैंक में रखे लॉकर के दरवाजे को गैस कटर से काट दिया था।
लेकिन इसी दौरान खनियाधाना थाना प्रभारी रत्नेश यादव गश्ती को पॉइंट चेक कर गुडर गांव से सायरन बजाते हुए निकले थे। यही वजह रही कि गिरोह के सभी सदस्य गैस कटर सहित सामान छोड़कर मौके से भाग गए थे। इस घटना के बाद पुलिस लगातार चोरों की तलाश में जुटी हुई थी। पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन गैस कटर में माहिर पीथमपुर से बुलाया गया अनिल झा और ब्रजेश प्रजापति अभी फरार चल रहे हैं। जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।