शिवपुरी। हर वर्ष की तरह इस वर्ष मकर संक्रांति बड़े ही धूमधाम से मनाई जाएगी,क्योंकि इसकी तैयारियां शहर के बाजारों में देखने को मिल रही हैं,लेकिन इस बार तारीख में कुछ बदलाव आया हैं। क्योंकि हर साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती हैं,लेकिन इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जायेगी।
दुर्लभ संयोग वरियान योग
77 साल के बाद इस बार दुर्लभ संयोग वरियान योग में पर्व मनाया जाएगा। ये पर्व सनातन धर्म में विशेष मान्यता रखता है। इस दिन सनातन धर्मावलंबी पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान- पुण्य करते हैं। इसके अलावा इसे तिल- गुड़ का पर्व भी कहा जाता है।
ऐसा क्यों, आईये जानते हैं
हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाती है, लेकिन इस वर्ष 2024 में मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। सूर्यदेव का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात 2 बजकर 44 मिनट पर होगा। इसलिए उदया तिथि के अनुसार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी।
इस दिन सूर्य देव की विशेष पूजा-उपासना की जाती है। शास्त्रों में निहित है कि मकर संक्रांति तिथि पर सूर्य देव उत्तरायण होते हैं। सनातन धर्म में सूर्य के उत्तरायण होने का विशेष महत्व है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत निकटतम नदी और सरोवर में आस्था की डुबकी लगाते हैं। साथ ही पूजा, जप-तप और दान-पुण्य करते हैं।
पितरों को मोक्ष दिलाने हेतु बहती जलधारा में तिलांजलि भी की जाती है। इस उपाय को करने से व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साल 2024 में मकर संक्रांति की तिथि को लेकर लोग दुविधा में हैं। आइए, मकर संक्रांति की तिथि और शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि जानते हैं
सूर्य राशि परिवर्तन
ज्योतिषियों की मानें तो 15 जनवरी (अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार) को देर रात 02 बजकर 43 मिनट पर सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश के दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है। अतः साल 2024 में मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी।
मकर संक्रांति तिथि
पौष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी 15 जनवरी को मकर संक्रांति है। इस दिन पुण्य काल प्रातः काल 07 बजकर 15 मिनट से लेकर संध्याकाल 05 बजकर 46 मिनट तक है। इस अवधि में पूजा, जप-तप और दान कर सकते हैं। वहीं, महा पुण्य काल सुबह 07 बजकर 15 मिनट से लेकर 09 बजे तक है। इस दौरान पूजा और दान करने से सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
पूजा विधि
देशभर में मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठें और घर की साफ-सफाई करें। दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अगर सुविधा है, तो पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करें। इस समय आचमन कर स्वयं को शुद्ध करें। साथ ही पीले वस्त्र धारण कर सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें।
इसी समय अंजलि में तिल लेकर बहती जलधारा में प्रवाहित करें। इसके पश्चात, विधि विधान से सूर्य देव की पूजा करें। पूजा के समय सूर्य चालीसा का पाठ करें। अंत में आरती कर सूर्य देव से सुख, शांति और धन वृद्धि की कामना करें। पूजा समापन के बाद आर्थिक स्थिति के अनुरूप दान दें।