भोपाल। कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आई मादा चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया है। बुधवार को कूनो डीएफओ ने शावकों की जन्म की खुशखबरी दी है, लेकिन बताया जा रहा है जन्म एक सप्ताह पहले हुआ था, अब तो शावकों को की आंख भी खुल गई है। इससे पहले मादा चीता सियाया ने 24 मार्च को चार शावकों को जन्म दिया था, जिसमें तीन की मौत हो गई है, एक अभी जिंदा है और बाड़े में बंद है।
शावकों के जन्म की खबर जैसे ही नेशनल पार्क से बाहर आई, देशभर में खुशी की लहर दौड़ गई। शावकों के जन्म के फोटो और वीडियो बुधवार कूनाे प्रबंधन ने जारी किए हैं। इस खुशखबर को बुधवार को केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक्स (ट्वीट) पर पोस्ट किया।
बता दें कि, नामीबिया से लाई गई आशा मादा चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया है। आशा के प्रेग्नेंट होने के बाद के कूनो प्रबंधन अधिकारियों ने पुष्टि नहीं की है। कूनो के अधिकारियों के मुताबिक आशा ने संभव 26 दिसंबर को इन शावकों को जन्म दिया है, क्योंकि सभी शावकों की आंखें खुल चुकी हैं।
आंखें खोलने में एक सप्ताह का समय लगता है। प्रोजेक्ट चीता के तहत 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे, जिनमें मादा चीता आशा भी थी। आशा अभ बड़े बाड़े में बंद है और गत 26 दिसंबर को 3 शावकों को जन्म दिया है।
इससे पहले पिछले साल 24 मार्च को मादा चीता ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया था, जिसमें से 3 की मौत हो गई, जबकि एक शावक अभी जीवित है और अब 9 माह का है। बताया गया है कि, नामीबिया और अफ्रीका से आए 20 चीते लाए गए थे। जिसमें 6 चीतों की मौत हो गई है, जबकि भारत की धरती पर जन्मे चार शावकों को में तीन की मौत हो गई एक अभी जिंदा है जो महीने का हो गया है और पूरी तरह स्वस्थ है।
कूनो नेशनल पार्क में वर्तमान में 14 वयस्क और एक शावक चीता मौजूद है। अब तीन नन्हे शावको मिलाकर 18 हो चुकी है। इनमें 7 नर चीते गौरव, शौर्य, वायु, अग्नि, पवन, प्रभाष और पावक शामिल हैं। वहीं 7 मादा चीतों में आशा, गामिनी, नाभा, धीरा, ज्वाला, निरवा और वीरा शामिल है। इनमें से अभी केवल दो चीते ही खुले जंगल में मौजूद हैं जो भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटकों को दिख सकते हैं, जबकि शेष सभी चीतों को अभी बड़े बाड़े में ही रखा गया है। इन्हें तीन नन्हे शावकों को मिलाकर अब कुल चीताओ की संख्या 18 हो चुकी है