तात्या की याद में राष्ट्रीय स्मारक, 3 साल में DPR नहीं बना सके शिवपुरी के अधिकारी

Bhopal Samachar

शिवपुरी। केंद्र का पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय शिवपुरी स्थित स्वतंत्रता के  संग्राम के क्रांतिकारी तात्या टोपे के समाधि स्थल पर मेमोरियल संग्रहालय (म्यूजियम) बनाने की तैयार है, मगर यहां के अधिकारी तीन साल में डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) ही तैयार कर नहीं भेज सके। इसे लेकर आर्यवर्त  सोशल फाउंडेशन ने प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। गुरुवार को संस्कृति मंत्रालय से जवाब आया है कि यादि संग्रहालय के संबंध में डीपीआर प्राप्त होती है तो इसे मेरिट पर रखा जाएगा,अमर बलिदानी तात्या टोपे की क्रांति यात्रा का अंतिम पडाव शिवपुरी था,और शिवपुरी में ही अंग्रेजो ने अमर बलिदानी का फांसी दी थी।  



जानकारी के अनुसार नौ फरवरी 2021 को सांसद डा. केपी यादव ने पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद पटेल को पत्र लिखकर केंद्रीय संग्रहालय अनुदान योजना के तहत तात्या टोपे के समाधि स्थल पर संग्रहालय बनाने की मांग की थी।

19 अप्रैल 2021 को मंत्रालय में संयुक्त सचिव निरुपमा कोतरु ने  मुख्य सचिव इकबाल सिंह बेस को डीपीआर के लिए पत्र लिखा।  संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने सात मई 2021 को शिवपुरी कलेक्टर को पत्र लिखा। तत्कालीन कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह का पूरा कार्यकाल बीत गया, मगर डीपीआर नहीं बनी।

आर्यवर्त सोशल फाउंडेशन ने भी कई बार इसे लेकर मांग उठाई। गत वर्ष कलेक्टर भी बदल गए, लेकिन तात्या टोपे के संग्रहालय की स्थिति नहीं बदली। संस्था की ओर से फिर पीएमओ में शिकायत दर्ज कराई गई, जिस पर बीते चार जनवरी को जवाब आया और कहा गया कि यदि
 डीपीआर प्राप्त होती है तो केंद्रीय संग्रहालय अनुदान योजना के तहत मेरिट के आधार पर संग्रहालय बनवाने का काम किया जाएगा।


आज सौंपेंगे समर्थन पत्र
तात्या टोपे संग्रहालय के लिए आर्यवर्त सोशल फाउंडेशन समर्थन पत्र मांगने की पहल कर रहा है। इसके तहत जिले भर से लोगों द्वारा समर्थन पत्र लिए जा रहे है,जिन्हें 06 जनवरी को एकत्रित कर कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री तक पहुंचाया जाएगा। संस्था ने संग्रहालय के लिए एक लेआउट भी तैयार किया है जो प्रशासन को सौंपा जा चुका है।

बता दें कि फाउंडेशन ने पीएमओ को लिखे पत्र में इसके पीछे की राजनीति से भी अवगत कराया है। कहा गया कि यह परियोजना मानसिकता विशेष से प्रभावित हो रही है। अध्यक्ष नितिन कुमार शर्मा का कहना है कि प्रशासन ने निष्क्रियता दिखाई है। हमारी मांग है कि बाधाएं दूर की जाए और शहर को राष्ट्रीय स्मारक दिया जाए।