शिवपुरी। प्रतिबंधित क्षेत्र में खदानों का संचालन कैसे किया जा रहा था, और क्योंकि खदान संचालकों से अब तक लापरवाही पर वसूली नहीं की गई। पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए एनजीटी ने खनिज विभाग के साथ-साथ कलेक्टर शिवपुरी को 3 सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करते हुए ग्राम मझेरा में वन और राजस्व क्षेत्रों में अवैध खनन होने का मामला मिनेरी फाउंडेशन शिवपुरी ने उठाया था। जिसमें पैरवी एडवोकेट अभय जैन ने की थी।
एनजीटी ने उचित खनन बंद करने के लिए मध्य प्रदेश राज्य खनिज संसाधन विभाग से डीएमएफ पोर्टल के माध्यम से मंजूरी मांगी, और उसके बाद जिला कलेक्टर, शिवपुरी ने परियोजना के प्रस्तावकों से प्रदूषण कर्ता के सिद्धांत पर पर्यावरण मुआवजा वसूलने के लिए नोटिस भी जारी किया, लेकिन आज तक अनुपालन प्रस्तुत नहीं किया गया।
इसलिए इस मामले में एनजीटी ने 20 दिसंबर को न्यायमूर्ति शिव कुमार सिंह, न्यायिक सदस्य, डॉ. अफरोज अहमद, विशेषज्ञ सदस्य प्रशांत एम हार्न ने माधव राष्ट्रीय उद्यान, ग्राम मझेरा के पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में अवैध खनन/पत्थर उत्खनन और क्रॉसिंग इकाइयों के संचालन की अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। इसमें मध्य प्रदेश राज्य और कलेक्टर शिवपुरी को निर्देश दिया है कि वह तीन सप्ताह के भीतर उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई प्रस्तुत करें। और इसे 20 फरवरी 2024 को सूचीबद्ध करें।