शिवपुरी। राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर जिला पंचायत शिवपुरी के सभागार में व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने ग्राहक अधिकारों पर जन जागरण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि ग्राहक तू रहेगा मौन तो तेरी सुनेगा कौन। कार्यक्रम में उपस्थित ग्राहक संगठन के प्रतिनिधि ग्राहक समस्याओं पर उपस्थित अधिकारियों एवं सेवा प्रदाता व्यवसाईयों को घेरते भी नजर आए।
उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी जिला पंचायत के सभागार में राष्ट्रीय ग्राहक दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में जिला उपभोक्ता आयोग के सदस्य राजीव कृष्ण शर्मा उपस्थित रहे वहीं अध्यक्षता ग्राहक पंचायत के जिला अध्यक्ष जितेन्द्र रघुवंशी ने की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशिष्ठ अतिथि एवं ग्राहक पंचायत के पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश शर्मा ने कहा ग्राहक पंचायत के ध्येय सांख्य "ग्राहक तू रहेगा मौन तो तेरी सुनेगा कौन" का उच्चारण करते हुए कहा कि ग्राहक अधिकारों के विषय में जन जागरण की आवश्यकता है जिससे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम लागू करने का वास्तविक अर्थ सिद्ध हो सके।
उन्होंने कहा कि वस्तुओं का समन्वित उपयोग और स्वास्थ्य व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा ही सच्चा ग्राहक हित है। यह न दिखाई देने पर ग्राहकों को चुप्पी तोडकर अपनी समस्याओं से हर फोरम को अवगत रखने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजीव कृष्ण शर्मा ने ग्राहक को वस्तुओं या सेवाओं से किसी भी प्रकार की असंतुष्ट होने पर जिला उपभोक्ता आयोग में अपील करने का तरीका बताते हुए ग्राहकों को आवेदन प्रक्रियाओं को जानने पर जोर दिया।
कार्यक्रम अध्यक्ष जितेन्द्र रघुवंशी ने जिले में मिलावटी वस्तुओं की बिक्री पर रोक लगाए जाने की मांग करते हुए डेयरियों के पंजीयन व पंजीयन सभी डेयरियों पर चस्पा किए जाने की मांग रखी। व्याख्यान कार्यक्रम को पेट्रोल व्यवसाई संघ की ओर तरुण अग्रवाल ने अपनी बात रखते हुए स्वास्थ्य व्यापारिक परम्पराओं का समर्थन किया। उसके उपरांत सीएनजी गैस पम्प की ओर से पुनीत जैन, छात्रा शिवानी लोधी, डीएसओ गौरव कदम, खाद्य अपमिश्रण अधिकारी आशुतोष मिश्रा ने भी संबोधित किया। उन्होंने मोटा अनाज खाने व नमक, तेल, शक्कर से बचने की अपील की।
उपभोक्ता के लिए जिला पंचायत सीईओ उमराव मरावी ने नसीहत भी दी
कोई भी वस्तु खरीदते समय एमआरपी, एक्सपायरी डेट अवश्य देखें। इस पर कस्टमर केयर नंबर अंकित हो, वस्तु का पक्का बिल लेना ना भूले।
रेल यात्रा के दौरान चोरी होने पर उपभोक्ता फोरम से क्षतिपूर्ति प्राप्त की जा सकती है। यही नहीं यदि ट्रेन 3 घंटे से अधिक लेट है तो हमें पूरा किराया वापसी लेने का भी अधिकार है।
बिजली कंपनी यदि आंकलित खपत का बिल देती है तो भुगतान न करें। कर्मचारी जब रीडिंग करने आए तो उसे कार्ड पर हस्ताक्षर अवश्य लें। गलत प्रकार से भेजे गए अधिक राशि के बिल को ना भरे, क्योंकि यह उपभोक्ताओं के अधिकार है।
मिठाई तुलवाते वक्त डिब्बे का वजन अलग से कराएं। इसके साथ ही लीटर का माप कहीं से चपटा या दबा हुआ तो नहीं है, यह अवश्य देखें।
हॉकर जब सिलेंडर देने आए तो डिजिटल कांटे से सिलेंडर तौल कर देखें। यदि वह टंकी तोलकर नहीं देता तो एजेंसी संचालक को सूचित करें। गैस कम निकालने पर नापतोल अधिकारी को सूचना दें। टंकी की कीमत में ही घर पहुंचने का शुल्क शामिल है, इसलिए अलग से पैसे ना दे।
पेट्रोल पंप पर यदि ठगी की शंका है तो वहां मौजूद 500 मिलीलीटर, 3 लीटर और 5 लीटर के मैप से नाप अवश्य करें। पंप मालिक से फिल्टर पेपर लेकर भी जांच कर सकते हैं। हमेशा शून्य देखकर ही पेट्रोल या डीजल भरवाएं। यदि यह जानकारियां उपभोक्ता रखता है तो फिर वह बहुत हद तक ठगी से बच सकता है।