SHIVPURI NEWS - लाड़ली बहनो को कबाड़ा समझने वाले स्वास्थ्य विभाग ने फिर की बेरुखी, नसबंदी शिविर

Bhopal Samachar
मोहन सिंह @ शिवपुरी। मप्र में लाडली बहनो की दम पर सरकार बन गई लेकिन शिवपुरी में स्वास्थ्य विभाग की नजर में महिला कबाड़ा है। इसका जीता जागता उदाहरण आया था बीते 13 दिसंबर के दिन पिछोर के स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित नसबंदी शिविर में जहां कडकडाती ठंड में महिलाओं को ऑपरेशन के बाद महिलाओं को अस्पताल के कबाड़खाने (स्टोर रूम) में जमीन पर एक फर्श बिछा कर लिटा दिया गया था। इस मामले में सीएमएचओ ने कोई कार्यवाही नहीं की इस कारण बीते रविवार को जिला अस्पताल में आयोजित शिविर में अवस्थाओं का आलम था।

जिला चिकित्सालय शिवपुरी में बीते रविवार को नसबंदी रूम के बाहर नसबंदी कराने आने वाली महिला के साथ आने वाले लोगों के लिए बैठने की व्यवस्था न होने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। सिस्टम ऐसा है कि न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस में भी नसबंदी कराने आने वाली महिलाओं के परिजनों धरती पर बैठने और लेटने के लिए मजबूर है। नसबंदी वाले रूप के बाहर लोगों के बैठने तक की व्यवस्था नहीं है।

परिजनों के साथ आने वाले छोटे - छोटे बच्चों को भी परिजन धरती पर सुलाने के लिए मजबूर है। यहां न तो पानी की कोई व्यवस्था है और ना ही कोई साफ सफाई की कोई व्यवस्था है। अस्पताल प्रबंधन ने मैनेजमेंट के नाम पर लाखो रुपये खत्म कर दिये लेकिन सवाल यहां पर यह भी उठता है कि अभी तक इन परेशानियों का समाधान क्यों नहीं हो सका है।

महिलाओं को यहां झेलना पडता है असहनीय दर्द

जिला चिकित्सालय का पिछला गेट कई दिनो से खराब पडा है इसको अस्पताल प्रबंधक अभी तक ठीक नहीं करवा सके है। जबकि इस गेट से दर्जनों महिलाओं का आना जाना होता है। जब जिला अस्पताल में किसी भी महिला को नसबंदी कराने के लिए लाया या ले जाया जाता है तो इस गेट से ही होकर उसे गुजरना पड़ता है। नसबंदी उपरांत टांके लगवाने के बाद टैक्सी वाहन से यहां से महिला मरीजों को ले जाया जा जाता है जिसका टायर हर बार गेट पर लगे जाल में फंस जाता है।

दरअसल इस गेट पर एक लोहे का जाल लगा हुआ है जिसमें लोह के गोल पाइप लगे है। लेकिन इस जाल में से कुछ पाइप बीच में से टूट गये है। जिससे अस्पताल में आने वाले वाहनों के टायर फंस जाते है। जिसे ऑटो में धक्का लगाकर बाहर निकाला जाता है।

इनका कहना है
अस्पताल के पिछले गेट के रास्ते को ठीक होने में अभी एक सप्ताह का समय और लग सकता है। उसके जाल के बीच के कुछ पाइपों चुरा लिया गया है। इसके लिए हमने सारे काम कर लिया है थोड़ा अच्छा बनाया जा रहा है साथ ही उसकी देखरेख के लिए भी किसी को रखा जाएगा।
डॉ.बी.एल.यादव सिविल सर्जन जिला अस्पताल शिवपुरी