शिवपुरी। बीते रोज शिवपुरी के बैराड़ स्वास्थ्य केंद्र में अस्पताल का कपांडर रघुराज धाकड 3 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों दबोचा है। इस मामले में बीते रोज दिनभर नाटकीय घटनाक्रम चला। इस मामले की फरियादी सोनू जाटव का कहना था कि मैने तो शिकायत अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर की थी,लेकिन रुपए लेते हुए कंपाउडर पकड़ा गया। बताया जा रहा है कि लोकायुक्त के आफिस में शिकायतकर्ता ने जो आवेदन दिया था वह भी डॉक्टर के नाम से दी थी।
रिश्वत से भरी आडियो भी फरियादी सोनू जाटव और डॉक्टर नवोदित अवस्थी की सीलबंद लिफाफे में लोकायुक्त पहुंची थी। हालांकि लोकायुक्त पुलिस का कहना है कि इस मामले में जांच की जा रही है आगे जो भी इसमे शामिल होगा उसे आरोपी बनाया जाऐगा। इस मामले को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे है कि रिश्वत एमएलसी के लिए मांगी जा रही थी,एमएलसी डॉक्टर ही बनाता था कंपाउंडर रिश्वत कैसे मांग सकता है। दूसरा फरियादी ने मेडिकल संचालक को रिश्वत दी थी उसके बाद मेडिकल संचालक ने कंपाउंडर को दी थी। इसी समय लोकायुक्त पुलिस ने कंपाउंडर को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है।
पहले पढ़िए फरियादी एमएलसी की आवश्यकता क्यो थी
बैराड़ के गायत्री मोहल्ला वार्ड क्रमांक 07 का निवासी सोनू जाटव पुत्र अमर सिंह जाटव के बड़े भाई दीनदयाल का 15 दिसंबर को ट्रैक्टर से एक्सीडेंट हो गया था। जिसमें प्राथमिक उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैराड में किया गया था। बैराड थाने में पुलिस रिर्पोट दर्ज की गई थी। एक्सीडेंट में घायल दीनदयाल की एमएलसी रिपोर्ट बननी थी।
यह दिया था फरियादी सोनू जाटव ने लोकायुक्त पुलिस के आवेदन
इस आवेदन के अनुसार सोनू जाटव ने लोकायुक्त पुलिस को बताया कि मेरे भाई दीनदयाल के एक्सीडेंट के बाद उसकी एमएलसी की रिपोर्ट बनानी थी। 18 दिसंबर को डॉक्टर नवोदित अवस्थी द्वारा सोनू को किसी अन्य वो मोबाइल से फोन करके बुलाया। सोनू जाटव बैराड के अस्पताल में पहुंचा तो डॉक्टर ने कहा कि आपके भाई दीनदयाल की एम.एल.सी. रिपोर्ट में चोटों की सही स्थिति दर्शित करने के लिए 5 हजार रूपये लगेंगे नहीं तो में नार्मल रिपोर्ट लिखकर भेज दूंगा।
सोनू ने कहा कि अभी पैसों की व्यवस्था नहीं है कुछ 5 हजार रुपयों में से कम कर लो तो उन्होंने कहा 3 हजार रुपये से आओ तो काम हो जायेगा, तो मैने कहा में पैसों की व्यवस्था करके ले आता हूँ।
सोनू ने अपने भाई को बताई पूरी बात
सोनू ने डॉक्टर नवोदित अवस्थी द्वारा 3 हजार रुपये मांगे जाने की बात बड़े भाई दीनदयाल को बताई तो उन्होने रिश्वत देने से मना कर दिया और मेरे से कहा कि डॉक्टर नवोदित अवस्थी को रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों पकड़वाना के लिए कहा। मैं भी डॉ० नवोदित अवस्थी को रिश्वत नहीं देना चाहता हूं बल्कि उन्हें रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़वाना चाहता हूं।
पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त ने सौंपा के केस डीएसपी को
पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त ग्वालियर द्वारा सोनू की शिकायत पर कार्यवाही हेतु डीएसपी विनोद सिंह कुशवाह को सौंपी गई। उसी दिन सोनू को डीएसपी विनोद सिंह कुशवाह ने कार्यालय से सोनी कंपनी का वॉयर रिकॉर्डर दिया था और कहा था कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैराड़ में पदस्थ डॉ० नवोदित अवस्थी के द्वारा मांगी जा रही मांग वार्ता को रिकॉर्ड करके लाए।
इस काम में सहायता के लिए कार्यालय के प्रधान आरक्षक देवेन्द्र पवैया को भेजा था। सोनू और प्रधान आरक्षक देवेन्द्र पवैया दिनांक 19 दिसंबर को बस से बैराड पहुँचे रात हो जाने डॉ० नहीं मिले। 20 दिसंबर को पुनः 10.30 बजे करीब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैराड़ गये डॉ० नवोदित अवस्थी अस्पताल में आ चुके थे।
प्रधान आरक्षक देवेन्द्र पवैया ने वॉयस रिकॉर्डर चालू करके सोनू को दिया। जिसे सोनू ने अपनी कोट के सामने की जेब में रख लिया था और जब में अस्पताल के अन्दर पहुँचा उस समय डॉक्टर अवस्थी मरीजों को देख रहे थे। डॉक्टर अवस्थी सोनू को लेकर लेकर अस्पताल के बाहर संतोष की दुकान के पास ले गये।
उसके बाद 11 बजे डॉ अवस्थी ओर सोनू के बीच बातचीत हुई और डॉक्टर ने पुन:सोनू से 5 हजार रुपए की मांग की तो फिर सोने ने कहा कि पैसे कम कर लो। मामला 4 हजार रुपए पर सेट हुआ और 1 हजार रुपए तत्काल दिए गए और बाकी शेष रूपए 3 हजार अगले दिन देने का तय हुआ।
21 दिसंबर को बैराड पहुंची लोकायुक्त की टीम
जैसा कि विदित है कि लोकायुक्त पुलिस के डीएसपी विनोद कुशवाह डीएसपी कुशवाह की टीम बैराड़ पहुंची थी। बताया जा रहा है कि फरियादी सोनू ने बैराड अस्पताल के सामने स्थित मेडिकल संचालक संतोष को दिए थे,संतोष ने यह रूपए अस्पताल के कंपाउंडर को दिए वही लोकायुक्त पुलिस ने कंपाउंडर को पकड़ लिया था।
दिनभर चलता रहा नाटकीय घटनाक्रम:मीडिया से बनाई दूरी
बताया जा रहा है कि फरियादी सोनू जाटव ने कहा कि मैने शिकायत डॉक्टर अवस्थी की थी, दिन फिर बैराड थाने में नाटकीय घटनाक्रम चलता रहा।