मोहन सिंह शिवपुरी। जिले में गुरुवार को सुबह से ही शीतकालीन सर्द हवाए चलना शुरू हो गई इसके बाद सबसे पहले करैरा में सर्द हवाओं के साथ सुबह के समय रिमझिम बारिश देखने को मिली, वही शिवपुरी में दोपहर को तो बदरवास व पिछोर में शाम के समय वर्षा हुई, जिससे किसानों के खेत में खड़ी फसल में आसमान से ही पानी लग गया है।
इस समय किसानों के खेतों में रबी की फसलें खड़ी हुई है और किसान इस समय खेतों में खड़ी फसल में पानी दे रहा था लेकिन समय से वर्षा होने से किसानों के चेहरे पर मुस्कान आ गई है। आज शुक्रवार को दिन भर बादल छाए रहे जिससे दिन भर सर्दी का अहसास बना रहा। बताया जा रहा है कि बदरवास तहसील में तो किसानों की जरुरत के हिसाब से वर्षा अच्छी हो गई न कम न ज्यादा, यहां कही कही खेतो में पानी का भराव देखा गया है।
यह खड़ी हुई है फिलहाल किसानों के खेत में रबी की फसलें
रबी की फसलों में अधिकतर शिवपुरी जिले के किसान गेहूं,चना,सरसों,सूरजमुखी आदि की खेती करते है। जिन्हे शीतकालीन फसल भी कहा जाता है अधिकतर किसानों ने अपने खेत में सरसों की खेती की है। किसानों ने कुछ समय पहले सरसों की वोयनी की थी जिसमें अब फूल आ चुका है वही पहले से बोये गये चनो में भी कही कही फूल आ चुका है।
गेहूं, की फसल में भी बाल निकलना शुरू हो रहा है। सरसों,चना में एक से दो पानी बार पानी देने की आवश्यकता पडती है जिससे दाना ठीक से पढ़ सके,और पौधे के सभी फूलों में भरपूर दाना पड़ सकें। वही गेहूं की फसल में चार से पांच बार पानी देने की आवश्यकता पडती है। जिससे उसमें अधिक और मोटा दाना पड सके।
जिले में सब्जियों में सबसे ज्यादा टमाटर की खेती
किसान सर्दियों में रबी की फसलों के साथ साथ सब्जियों में सबसे ज्यादा टमाटर की खेती करते है जिसमें लागत के साथ साथ मुनाफा भी अधिक होता है। टमाटर के साथ पालक, मेथी, धनिया, मूली, मटर, गोभी, सरसों का साग जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां ही सर्दियों की शान है ना जाने कितने व्यंजन इन सब्जियों से पूरी सर्दियों में बनते है। पते की बात तो ये है कि सबसे ज्यादा आयरन और न्यूट्रिएंट्स इन्हीं पत्तेदार सब्जियों में होते हैं।
इनका कहना है
पानी से जिले के किसानों की सभी फसलों को फायदा हुआ है। जिले में गेहूं की खेती का 2 लाख 51 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य था लेकिन अभी 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर में किसानों ने गेंहू की बोवनी कर दी है। वही सरसों की खेती की उपज का 1 लाख 50 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य था जिसमें 1 लाख 53 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य पूरा हो चुका है।चना की अभी तक जिले में 32 हजार हेक्टेयर में किसानों ने बोवनी की है खाद में यूरिया की अब सबसे ज्यादा डिमांड है। डीएपी की करैरा में 10 प्रतिशत डिमांड है वह पूरी की जा रही है।
जिला कृषि अधिकारी यू एस तोमर शिवपुरी