शिवपुरी। शिवपुरी जिले के बैराड़ स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार की सुबह एक प्रसूता की डिलीवरी उपरांत मौत हो गई। यह मौत के बाद परिजनों ने स्वास्थ्य केन्द्र के सामने चक्काजाम कर दिया था। इस प्रसूता के मौत भ्रष्टाचार के लालच के कारण हुई है। इस मौत की इफेक्ट से बैराड स्वास्थ्य केन्द्र की 3 कर्मचारियों को हटा दिया गया है वही आशा कार्यकर्ता और नर्स पर आपराधिक प्रकरण बैराड़ थाने में दर्ज किया गया है।
पहले समझ मामले को
रामवती पनि लेखराज यादव उम्र 40 साल निवासी फुलीपुरा ने पुलिस को बताया कि 29 दिसंबर के सुबह 4 बजे मेरा भतीजा बलवीर यादव निवासी भीमलाठ मुझे लेने आया और कहा कि मेरी पत्नी छाया की डिलीवरी होना है उसके पेट में दर्द हो रहा है। उसे बैराड अस्पताल ले जाना है आप जल्दी तैयार हो जाओ।
रामवती ने बताया कि में भतीजे के साथ भीमलाट पहुंची और बलवीर और उसकी मां रेखा यादव के साथ एंबुलेंस से सुबह 5 बजे छाया को लेकर बैराड अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में नर्स नोसीन खान और आशा कार्यकर्ता सरोज मिली उन्होंने छाया का चेकअप किया और बोली कि बच्चा उल्टा है डिलीवरी के पाच हजार रुपए लगेंगे और दोपहर 12 बजे तक डिलीवरी हो जाऐगी।
छाया की मारपीट की गई लेबर रूम में
बलवीर यादव ने 4 हजार रुपए नोसीन खान को दिए उसके बाद आशा कार्यकर्ता ओर नर्स नोसीन खॉन छाया को डिलीवरी रूम में अंदर ले गई। जहां उसके साथ मारपीट की जा रही थी,छाया के चीखने की आवाजे बहार तक आ रही थी,हमने अंदर जाकर देखा तो यह दोनो उसकी पीठ में जोर जोर से मार रही थी।
हमने मारने से मना किया तो कहा बच्चा उल्टा है ताकत लगानी होगी। छाया ने कहा कि गर्मी लग रही है हवा कर दो। वकौल रामवती मैं हवा करने लगी तो मुझे लेबर रूप से भगा दिया।
12 बजे छाया को बेटा हुआ
रामवती ने बताया कि 12 बच्चे छाया को बेटा हुआ था,उसके बाद हम अंदर गए तो उसके मुंह से फसुकरे आ रहे थे। मैन कहा कि इसे जल्दी से कपडा पहना दो,उसके बाद भी इन्होने छाया को कपड़े नहीं पहनाए। रामवती ने बताया कि बार बार नोसीन खॉन से कह रही थी कि उसको रेफर दो,लेकिन नौसीन ने लगभग 1:30 बजे डॉक्टर को बुलाया और छाया का रेफर जिला अस्पताल के लिए कर दिया। हम जल्दी से प्राइवेट एंबुलेंस में छाया को लेकर शिवपुरी लाए,शिवपुरी पहुंचते ही जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने छाया को मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने बैराड अस्पताल के सामने किया चक्का जाम
छाया के मौत के बाद परिजनों ने जिला अस्पताल के सामने चक्काजाम कर दिया। परिजनों का कहना था कि नर्स नौसीन खान और आशा कार्यकर्ता की लापरवाही के कारण छाया की जान गई। जब बच्चा उल्टा था तो उसे जिला अस्पताल शिवपुरी के लिए केस को रेफर कर देना था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया इसलिए दोनों पर एफआईआर की जाए। देर रात नर्स नोसीन खॉन और आशा कार्यकर्ता सरोज धाकड पर बैराड थाने में आईपीसी की धारा 304 ए के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।
लालच और भ्रष्टाचार के कारण जान गई
इस मामले में कई सवाल खडे हो रहे है कि नर्स नोसीन खान ने डिलेवरी के बदले 4 हजार रूपए के लालच में बच्चा उल्टा होने के बाद भी उसकी डिलेवरी बैराड में ही कराने का निर्णय था। जबकि बैराड अस्पताल में इस केस को सुरक्षित प्रसव कराने के लिए संसाधन नही थे। माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार के कारण ही छाया की मौत हूई हैै।
यह सवाल है जांच के विषय के लिए
सीएमएसचो डॉक्टर पवन जैन का कहना है कि स्वास्थय केंद्र बैराड पर प्रसव कराने की जिम्मेदारी वहां पर पदस्थ नर्स की है। प्रसव के दौरान स्टाफ नर्स यहां थी की नही। बच्चा उल्टा था तब भी बैराड में प्रसव कराने का निर्णय किसके द्वारा लिया गया। इसके आलावा जो आशा कार्यकर्ता थी उसे हटा दिया गया था। इसके बावजूद वह बैराड़ स्वास्थ्य केंद्र में लेवर रूम के अंदर कैसे पहुंची। उसने प्रसव कैस कराया यह जब जांच के विषय हैं।
देर रात तक लैब टेक्नीशियन एएनएम व नर्स हटाए
इस घटनाक्रम के बाद बैराड अस्पताल में पदस्थ लैब टेक्नीशियन संजय सिंह ,स्टाफ नर्स सरिता कांकरिया व एएनएम नौसीन खान को भी हटा दिया गया है,इस मामले की विभागीय जांच की जाऐगी।