SHIVPURI NEWS -CM डॉ मोहन यादव ने लिखा शिवपुरी के लॉ स्टूडेंट सुकृत शर्मा के लिए DGP को पत्र

Bhopal Samachar
शिवपुरी। मप्र के नए नवेली सीएम डॉ मोहन यादव ने शिवपुरी के रहने वाले और ग्वालियर में लॉ की पढाई करने वाले सुकृत शर्मा के लिए एक पत्र डीजीपी को लिखा है। इस पत्र में सीएम यादव ने डीजीपी से कहा कि स्टूडेंट्स पर डकैती की धारा लगाना न्यायोचित नहीं लगता है।

पहले आप मामले को समझे

शिवपुरी के टीवी टावर के रहने वाले सुकृत शर्मा दिल्ली में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के तीन दिवसीय सम्मेलन में शामिल होने दिल्ली गया था। सम्मेलन में शामिल होकर 14 साथियों के साथ रविवार रात दिल्ली से दक्षिण एक्सप्रेस से ग्वालियर के लिए रवाना हुए थे। आगरा के पास रात में अचानक शोर हुआ। पता चला कि कोच में कोई व्यक्ति बेहोश हुआ है।

पता चला कि पीके यूनिवर्सिटी शिवपुरी के वीसी प्रो. रणजीत सिंह यादव (68) को हार्ट अटैक आया था। मुरैना आते-आते उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई। हेल्पलाइन पर कॉल किया तो बताया गया कि ग्वालियर स्टेशन पर एंबुलेंस बाहर खड़ी मिलेगी। सुबह 4 बजे स्टेशन आते ही सभी बच्चे बेहोश हालत में प्रोफेसर को स्टेशन के बाहर लेकर आए। यहां पर एंबुलेंस नहीं थी।

सामने एक कार दिखाई दी। उन्होंने कार के चालक से प्रोफेसर को अस्पताल तक ले जाने के लिए कहा, लेकिन उसने मना कर दिया। एंबुलेंस का काफी देर तक इंतजार किया। कार ड्राइवर से कहा- हमारे साथ चलो और उसे छोड़कर वापस चले आना। चालक राजी नहीं हुआ, तब मजबूरी वश बच्चों ने कार की चाबी ली। बेहोश व्यक्ति को कार से अस्पताल लेकर गए। उन्हें नहीं पता था कि वह कार जज साहब की है।

कार के पीछे-पीछे पुलिस की 25 गाड़ियां अस्पताल पहुंच गईं। बच्चों ने तत्काल कार की चाबी उन्हें सौंप दी। एफआईआर में डकैती की धारा लगाई गई है। इस बारे में कहा जा रहा है कि बच्चों ने डेढ़ घंटे बाद कार की चाबी दी, इसलिए डकैती की धारा लगी है। इस मामले मे स्टूडेंट हिमांशु श्रोत्रिय और शिवपुरी के सुकृत शर्मा को पुलिस ने मौके से ही गिरफ्तार कर लिया था।

एलएलएम का छात्र है सुकृत, ग्वालियर में पढ़ रहा

सुकृत की मां ने बताया- वह पढ़ाई में शुरुआत से ही अच्छा है। शिवपुरी से ही उसने फर्स्ट डिवीजन में 12वीं पास की है। 6 साल से वह ग्वालियर में रहकर पढ़ाई कर रहा है। बीए-एलएलबी की पढ़ाई पूरी कर अब ग्वालियर के माधव कॉलेज से एलएलएम कर रहा है। बेटा वकालत की पढ़ाई कर रहा है, इसीलिए उसने जान बचाने को प्राथमिकता दी।

पिता को नहीं पता, बेटे पर केस दर्ज, जेल भेजा गया है

सुकृत की मां अंजना शर्मा ने बताया- सुकृत के पिता गिरीश शर्मा टीचर हैं। डेढ़ साल पहले वे सड़क हादसे का शिकार हो गए थे। जैसे-तैसे उनकी जान बच सकी है। अब उन्हें सुनने और बोलने में परेशानी होती है। उनका दिल्ली में हाल ही में ऑपरेशन हुआ है। डॉक्टरों ने उन्हें टेंशन देने वाली बातों से दूर रखने को कहा है। उन्हें नहीं पता कि बेटे के साथ क्या हुआ है।

सीएम ने डॉ यादव ने लिखा डीजीपी को पत्र

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने डीजीपी से कहा कि युवकों पर डकैती की धारा लगाना न्यायोचित नहीं लगता। वे आपराधिक पृष्ठभूमि के नहीं हैं। युवकों ने मानवीय दृष्टि से तो सही कार्य किया, लेकिन उनका तरीका गलत था। संपूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए जांच के पश्चात कार्यवाही करना ठीक होगा, इसलिए जांच कराएं।