शिवपुरी। जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियमित समय पर उपस्थिति और उनकी मॉनिटरिंग के लिए सबसे निचले स्तर पर तैनात मॉनिटरिंग अमले पर अब जिला शिक्षा विभाग ने और अधिक प्रभावी नजर रखने व मॉनिटरिंग को सशक्त बनाने की कवायद शुरू कर दी है।
जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौड़ ने इसके लिए मॉनिटरिंग के हर स्तर पर तैनात अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए शुक्रवार को आदेश जारी किया है जिसमें उल्लेख किया गया है कि वरिष्ठ अधिकारियों के निरीक्षण एवं समाचार पत्रों के माध्यम से संज्ञान में आया है कि कई स्कूल बंद मिलते हैं या शिक्षक गैरहाजिर मिलते हैं।
विद्यालयों के नियमित संचालन व शिक्षकों की नियमित उपस्थिति को लेकर डीईओ ने निर्देश दिए हैं कि अब प्रतिदिन सीएसी व बीएसी को अपने क्षेत्र के निर्धारित विद्यालयों में से दो स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण सुबह 10:30 से 11:00 व शाम 3:30 से 4:30 बजे तक न केवल करना होगा, बल्कि इस दौरान वहां उपस्थित स्टाफ के साथ फोटो खींचकर तत्काल बीआरसीसी को भेजना भी होगा।
इतना ही नहीं, उसी दिन संबंधित बीआरसीसी इन निरीक्षणों का प्रतिवेदन डीईओ को भेजेंगे। सीएसी व बीएसी द्वारा किए जाने वाले इन निरीक्षणों की मॉनिटरिंग जिला स्तर से की जाएगी। इसके अलावा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी व बीआरसीसी खुद भी प्रतिदिन दो स्कूलों की वर्चुअल मॉनिटरिंग कर प्रतिवेदन भेजेंगे। कुल मिलाकर लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों और मैदानी मॉनिटरिंग अमले पर विभाग इस कवायद के जरिए और अधिक सख्ती बरतने जा रहा है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने संकुल प्राचार्यों को भी सख्त हिदायत दी है जिसमें स्पष्ट उल्लेख है कि शिक्षकों का अवकाश आवेदन प्राप्त करने के लिए उनके द्वारा संकुल का जो सोशल साइट ग्रुप बनाया गया है उसमें बीआरसीसी को भी जोड़ा जाए, साथ ही शिक्षकों को भी सूचित किया जाए कि स्कूल की समय अवधि से पूर्व भेजा गया आवेदन ही स्वीकार होगा।
पत्र में डीईओ ने उल्लेख किया है कि संज्ञान में आया है कि कुछ संकुल प्रभारियों द्वारा निरीक्षण के उपरांत संबंधित शिक्षक का अवकाश स्वीकृत कर दिया जाता है जो खेदजनक है। यदि भविष्य में इस प्रकार की स्थिति पाई जाती है तो संबंधित संकुल प्राचार्य की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।