शिवपुरी। कोलारस के सहकारी बैंक में हुए 80 करोड़ के घोटाले से बैंक कंगाल हो गया। इस घोटाले के कारण हजारो खाता धारक भी कंगाल हो गए। जिन लोगों के पैसे इस बैंक में जमा थे वह निकाल नहीं पा रहे है। खाते धारकों के खातों पर नोटबंदी जैसे हालत हो गए। बैंक प्रबंधन पैसे की कमी होने के कारण 2 हजार रु प्रतिदिन देने की बात कहता है। जनसुनवाई में ऐसे सैकड़ों मामले आ चुके है।
80 करोड की गबन की राशि के संबंधित घोटालेबाजों से वसूली की कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी लेकिन इतने बड़े गबन के बाद भी प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई धीमी गति से चल रही है। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार तो कर लिया है, लेकिन उसके बाद पुलिस की कार्रवाई इतनी धीमी गति से चली कि केस आगे ही नहीं बढ़ पाया है। इस मामले में रिकवरी भी नहीं हो पा रही है।
कलेक्टर ने जिन खातों में लेनदेन हुआ था उन्हें नोटिस थमाए थे। इसके बाद मामलों की सुनवाई भी हुई, लेकिन 7.15 लाख रुपये की वसूली हो पाई जो गबन का एक प्रतिशत भी नहीं है। अब इस मामले को लेकर एक बार फिर कलेक्टर ने सख्ती दिखाई है। कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित में हुए गबन व धोखाधड़ी के मामले में संबंधितों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।
बैठक में कमेटी के अन्य सदस्य पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया, कोलारस अनुविभागीय अधिकारी पुलिस विजय यादव, मुकेश जैन उप आयुक्त सहकारिता, सुशील त्रिपाठी जिला अभियोजन अधिकारी तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी बैंक उपस्थित रहे। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. शिवपुरी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि बैंक से संबंधित प्रचलित गबन प्रकरणों में प्रभावी कार्यवाही एवं राशि वसूली के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही पुलिस अधीक्षक द्वारा भी कोलारस गवन प्रकरण में त्वरित ठोस प्रभावी कार्रवाई के लिए एसडीओपी कोलारस को निर्देश दिए गए।