SHIVPURI NEWS - शादी के 6 महिने बाद ईगो बना वैवाहिक जीवन में विवाद का कारण

Bhopal Samachar
शिवपुरी। पुलिस प्रशासन एक और कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए भरकस प्रयास में जुटा रहता है। वहीं दूसरी ओर गृह क्लेश और पति-पत्नी के बीच हुए विवाद को सुलटवाने का काम भी परिवार परामर्श केंद्र के शिविर लगाकर करती है।

आज एक बार फिर पुलिस कंट्रोल रूम पर परिवार परामर्श केन्द्र के शिविर का आयोजन किया गया था। शिविर में सुनवाई योग्य 10 प्रकरणों में से 7 में राजीनामा कराने में सफलता हासिल की गई। समझौता न हो पाने वाले 3 प्रकरण महिला प्रकोष्ठ को वापस कर दिए गए।

बता दें कि पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया की पहल और निर्देशन में चलाए जा रहे परिवार परामर्श के शिविरों में आपसी समझौतों कराकर परिवारों को टूटने से बचाने का अनुकरणीय काम जिला पुलिस परिवार परामर्श केंद्र के तरफ से सफलता पूर्वक किया जा रहा है। इसी कड़ी में आयोजित हुए शिविर में 7 प्रकरणों में समझौता कराने में सफलता मिली है।

एसपी का गनर, करता था पत्नी पर शक, आज हुआ समझौता
आज के शिविर के दौरान एक रोचक मामला समझौते के लिए पहुंचा था। जिसमें चंबल संभाग एसपी का गनर पत्नी पर शक के चलते तीन से अलग रह रहा था। गनर की पत्नी भी तीन साल से करैरा कस्बे में रहकर सिलाई कर जैसे-तैसे अपना गुजर बसर कर रही थी। दोनों एक बेटा और एक बेटी थे, बेटा अपनी मां तो बेटी अपने पिता के साथ रह रही थी।

आज शिविर में परामर्शदाताओं की समझाइस के बाद दोनों ने माना कि उनसे भूल हुई है और अब दोनों हमेशा साथ रहेंगे और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे। आपसी लड़ाई के कारण 15 साल पुराने वेभाभिक संबंध ख़खत्म कर हो गए थे पत्नी-पत्नी जुदा-बैराड़ कस्बे के रहने राजेश की शादी पोहरी की रहने वाली रामकुमारी के साथ 15 साल पहले हुई थी।

दोनों के एक 10 साल का बेटा और एक 9 साल की बेटी भी थी। बता दें कि पति लॉन्ड्री का काम करके अच्छा कमाता खाता था वही पत्नी भी अपने व्यक्तिगत काम करके धन अर्जित करती थी। इसके बावजूद दोनों के बीच मुंहवाद हो जाता था।

आखिरकार नौबत अलग रहने की आई और डेढ़ माह से रामकुमारी अपने पति को छोड़कर अपने मायके रहने लगी। आज दोनों पति-पत्नी शिविर में पहुंचे हुए थे। जहां परामर्शदाताओं की समझाइस का ऐसा असर हुए पति अपनी पत्नी को सब कुछ भूल अपने घर सीधे बैराड़ ही ले गया।

आज शिविर में एक अलग ही मामला सामने आया जहां पति पेशे से आर्किटेक्ट था और पत्नी भी उच्च शिक्षा ग्रहण की हुई थी। दोनों की शादी को महज 6 महीने ही गुजरे थे लेकिन इन्हीं 6 माह में उनका दोनों का ईगो विवाद का कारण बन गया।

इसके बाद दोनों एक दूसरे से अलग हो गए। आज इस मामले में परामर्शदाताओं के कुशल परामर्श से दोनों के बीच पनपे आपसी मनमुटाब को ख़त्म किया गया और शादी को हुए 6 माह के भीतर परिवार को बिखरने बचा लिया गया।

बता दें कि इस शिविर में पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया, जिला संयोजक आलोक एम इंदौरिया, महिला थाना प्रभारी शिखा तिवारी, एसआई रेखा गुप्ता, कन्ट्रोल रूम प्रभारी ब्रजेन्द्र सिंह के साथ, राकेश शर्मा, एच एस चौहान, डॉ इकबाल खान, भरत अग्रवाल, राजेश गुप्ता, संतोष शिवहरे, राजेन्द्र राठौर, प्रीति जैन, सुषमा पांडे, स्नेहलता शर्मा, रवजोत ओझा, मृदुला राठी सहित महिला सेल का स्टाफ मौजूद था।