SHIVPURI NEWS - 2 लोगों की हत्या करने के बाद भी नहीं थम रहे, कहते हैं हम जेल तो जायेंगे-लेकिन 4 से 5 को निपटाकर

Bhopal Samachar
शिवपुरी। खबर शिवपुरी शहर के पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिल रही हैं जहां एक पूरा परिवार शिकायत लेकर पहुंचा कि हमें सुरक्षा प्रदान करें। हमारे परिवार के दो सदस्यों की हत्या हो चुकी है और आरोपी हमारे घर के बाहर बंदूक लेकर घूमते रहते हैं। आरोपियों का कहना हैं कि अभी तो 2 मारे हैं,लेकिन 4 से 5 मारने पर ही हमें शांति मिलेगी। हमारा पूरा परिवार काफी भयभीत हैं,इसलिए हमें सुरक्षा प्रदान की जाये।

जानकारी के अनुसार निवासी ग्राम पंचायत कोटा थाना देहात पुरानी शिवपुरी के रहने वाले फरियादी पहलवान सिंह पुत्र स्व. बादाम सिंह कुशवाह सहित तरुण कुशवाह पुत्र स्व.प्रेम सिंह कुशवाह ने बताया कि 25 नवम्बर 2019 हम घर पर ही थे। तभी 13 लोग हमें और हमारे परिवार को जान से मारने की नीयत से आये और हमला किया। जिस हमले में 2 लोगों की मृत्यु हो गई थी। और 5 सदस्य बुरी नियत से घायल हुए। इस संबंध में हम देहात थाना पुलिस के पास पहुंचे। तथा प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन हैं जो कि अंतिम निराकरण की ओर आ चुका हैं।

जिसमें 10 हत्यारोपी जमानत पर रिहा हैं जिनमें से 09 हत्यारोपी हमारे परिवार के साथ पुनः गंभीर आपराधिक वारदात करने को आमादा हैं। वे खुले आम कह रहे हैं कि हमें सजा तो मिलने ही वाली है, इसलिये तुम लोगों से 4-5 की हत्या करके ही जेल जाएंगे।

यह थे आरोपी
उक्त हत्यारोपियों में से बृजेश बैरागी, देवेन्द्र बाथम, मोनू पाल, हरिओम ओझा, रामदास बाथम निवासीगण ग्राम कोटा अवैध हथियार लेकर हमारे मकानों के आसपास संदिग्ध अवस्था में घूमते देखे गए हैं, उनके पास बाहरी बदमाशों का भी निरंतर आना जाना बना रहता है। ऐसी स्थिति में हमें जान का गंभीर जोखिम बना हुआ है।

विदित हो कि हत्याकाण्ड के बाद हमारे परिवार को आत्मरक्षार्थ 02 शस्त्र लाइसेंस स्वीकृत हुए हैं परन्तु दोनों ही शस्त्र निर्वाचन आचार संहिता की वजह से पुलिस थाने में जमा हैं, अभी तक हमें प्रदान नही किये गये हैं। ऐसी स्थिति में हमारे लाइसेंसी शस्त्र शीघ्रातिशीघ्र हमें प्रदान किया जाना एवं आरोपीगण के विरुद्ध कड़ी दण्डात्मक कार्यवाही कर हमें सुरक्षा प्रदान की जाना अत्यंत आवश्यक व न्यायोचित होगा।

हमारे द्वारा पूर्व में भी आवेदन प्रस्तुत किये जा चुके हैं परन्तु अपेक्षित कार्यवाही नहीं होने से हम अत्यधिक असुरक्षित होते जा रहे हैं, मानसिक क्लेश व अवसाद से गुजरना पड़ रहा है। हम अपनी कृषि भूमि पर अथवा अन्य कार्य करने बाहर नहीं जा पा रहे हैं।