कोलारस। शिवपुरी जिले के कोलारस का रहने वाला 23 साल का नवजोत ढिल्लन अमेरिका के कैलिफाोर्निया की यूनिवर्सिटी में पढ़ने गया था। जो ब्राजील में यूनिवर्सिटी टूर पर गया था। इसी दौरान 24 नवंबर को छात्र की मौत हो गई। आज यानी सोमवार को दिन में करीब 12 बजे 11वें दिन छात्र का शव कोलारस के गृह ग्राम नेतवास पहुंचा। जहां उसका रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। इस दुख की घड़ी में उपस्थिति लोगों ने परिजनों को ढांढस बंधाया।
यूनिवर्सिटी टूर के दौरान ब्राजील में हुई थी मौत
बता दें कोलारस तहसील के नेतवास गांव का रहने वाला 23 साल का नवजोत ढिल्लन अपने घर से दो महीने पहले अमेरिका के कैलिफाोर्निया की यूनिवर्सिटी में बीबीए की पढ़ाई करने निकला था। उसे तीन साल विदेश में गुजारने थे। इस क्रम में नवजोत 16 नवंबर को कैलिफोर्निया से अपने कुछ साथियों के साथ फ्लाइट से ब्राजील के लिए रवाना हुआ था।
इस दौरान रेस्ट के लिए करीब 8 घंटे इथोपिया में रुका। यहां नवजोत सिंह ने चंडीगढ़ के रहने वाले दोस्त अर्जुन के साथ रेस्टोरेंट पर कुछ खाया था। यहां से ब्राजील रवाना हुए और साईपोलो पहुंचे।
यहां उसकी और अर्जुन की तबीयत बिगड़ गई। 18 नवंबर को उसे ठंड लगकर बुखार आया। इसके बाद उसे साईपोलो के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां 24 नवंबर की सुबह 4 बजे नवजोत ने दम तोड़ दिया था।
भारत पहुंचने में शव को लगे 11 दिन
नवजोत की मौत के बाद परिजनों ने नवजोत के शव को भारत लाने के प्रयास शुरू कर दिए थे। उनके तरफ से प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय को ऐसे कोई मदद नहीं मिल सकी। जिससे छात्र का शव जल्द से जल्द वापस आ सके।
छात्र की मौत के बाद कछुआ चाल से कागजी प्रक्रिया को जैसे-तैसे पूरा किया गया। नवजोत के पिता शेर सिंह ने बताया कि शव को पहुंचाने वाली एजेंसी को कई दिन पहले शव सौंप दिया गया था। इसके बाद शव बीती रात फ्लाइट से दिल्ली पहुंचा था। आज सोमवार को एम्बुलेंस से बेटे के शव को गांव लाया गया।
जहां आज उसका अंतिम संस्कार किया गया। बता दें नवजोत अपने पिता शेर सिंह का इकलौता बेटा था। बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद एक पिता ने 11 दिनों तक मृत बेटे के चेहरे को देखने इंतजार करना पड़ा।