शिवपुरी। शिवपुरी में पीएम आवास योजना का मामला न्यायालय की चौखट पर पहुंच चुका है। पीएम आवास कंपलीट हो चुके है और हितग्राही भी चिन्हित होकर उनको कागजों में मिल चुके है,लेकिन पीएम आवास में बिजली पानी की सप्लाई रुकी हुई है। बताया जा रहा है कि नगर पालिका पर फंड की कमी के कारण काम कछुए की गति से चल रहा है नगर पालिका आवास बनाने वाले ठेकेदार को समय पर भुगतान नहीं कर रही तो ठेकेदार भी आवासो के काम निपटाने का इंटरेस्ट नहीं ले रहा है,इसलिए नगर पालिका ने फंड जुटाने के लिए अपनी जमीन को बेचने की तैयारी कर ली है।
नगरपालिका की मेडिकल कॉलेज के पीछे पीएम आवास के पास 6.4 हेक्टेयर जमीन है, जिस पर अलग- अलग साइज के प्लॉट बेचने के लिए वर्ष 2018 में पहली बार बोली लगाई। शहर से लगभग 2 किमी दूर बियावान एरिया में किसी ने भी उन प्लॉट को खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके बाद समय-समय पर नपा ने वहां पर मौजूद जमीन को प्लॉट के रूप में बेचने के लिए तारीख तय की लेकिन कोई भी वहां पर जमीन लेने को तैयार नहीं हुआ।
पांच साल इंतजार करने के बाद भी जब उक्त जमीन का कोई खरीदार नहीं मिला तो फिर शासन की सलाह पर नगरपालिका ने अब पूरी जमीन को बेचने के लिए टेंडर आमंत्रित कर दिए। उक्त 6.4 हेक्टेयर यानि लगभग 32 बीघा जमीन को 30 करोड़ में देने के लिए नपा ने तैयारी कर ली हैं।
अवैध उत्खनन बन रहा है रोडा
जिस जगह का टेंडर नगरपालिका ने लगाया है, वहां पर बहुत पहले से खंडे-बोल्डर के साथ-साथ मुरम की खुदाई बड़े पैमाने पर होती रही। जिसके चलते वो पूरा एरिया अवैध उत्खनन की वजह से बहुत अधिक ऊबड़-खाबड़ हो चुका है। सीएम राइज की नई बिल्डिंग के पास ही मुरम खुदाई से इतने गहरे गड्ढे हो गए हैं कि उसके भराव में ही बड़ी राशि खर्च होगी।
लगातार बन रहे सरकारी उपक्रम
पहले मेडिकल कॉलेज के आसपास कुछ नहीं था। बाद में उसके पास ही हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनी बन गई, जिसके पास ही शिवपुरी का सीएम राइज स्कूल खुलने के साथ ही वहां पर बालिका छात्रावास भी चालू हो गया है। सीएम राइज स्कूल की एक नई बिल्डिंग भी वहां बन रही है तथा पीएम आवास भी लगभग बनकर तैयार हो गए। यानि जो जगह पहले वीरान पड़ी थी, वहां अब सरकारी उपक्रम बनने से लोगों की आवाजाही बढ़ेगी तथा वहां पर जमीनों के रेट भी भविष्य में बढ़ेंगे।
इनका कहना है
मेडिकल कॉलेज के पीछे स्थित 6.4 हेक्टेयर नपा के स्वामित्व की भूमि पर प्लाट बेचने की प्रक्रिया वर्ष 2018 से लगातार जारी है। कोई खरीदार नहीं मिला तो फिर शासन के आदेश पर पूरी जमीन ही बेचने के लिए 30 करोड़ का टेंडर लगाया। जमीन खरीदने वाला उसमें प्लॉट बेचे या कॉलोनी बनाए, यह उसकी मर्जी है।
सचिन चौहान, एई नपा शिवपुरी