सोनू सेन पिछोर। खबर शिवपुरी जिले के पिछोर अनुविभाग के भौंती थाने की खोड़ चौकी सीमा ने आने वाले एक गांव से मिल रही है गांव में एक पखवाड़े पूर्व एक अधेड की मौत हो जाने के बाद स्थानीय रिवाज के चलते पत्नी का मुंडन कराया गया और उसे 3 दिन तक भूखा रखा गया। रिवाज के नाम पर इस क्षेत्र में यह कुरीति अभी व्याप्त है,पूर्व में लाला राम मोहन राय ने इस तरह की कुरीति के लिए जन चेतना आंदोलन किया था और इस तरह की कुरीति को बंद कराया गया था।
मप्र में लाडली बहनो ने भाजपा को प्रचंड बहुमत प्रदान किया है वही राजनीति में महिला सशक्किरण की बात होती है। कार्यक्रम होते है सेमिनार भी आयोजित किए जाते है,लेकिन फिर भी समाज में रिवाज के नाम पर महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता नहीं है,हिन्दू धर्म में पिता की मौत के बाद बेटे और परिवार के अन्य पुरुष अपना मुंडन कराते है,लेकिन पिछोर के इस क्षेत्र में महिलाओ का मुंडन अभी भी कराया जा रहा है।
मामला मामला पिछोर अनुविभाग के ग्राम केनवाया (महू कुडछा) से मिल रहा है। बताया जा रहा है कि ग्राम केनवाया में रहने वाले घनश्याम आदिवासी उम्र 50 साल की मौत एक पखवाड़े पूर्व हो गई थी बताया जा रहा था कि घनश्याम आदिवासी लंबे समय से बीमार चल रही थी।
घनश्याम की पत्नी राजकुमारी शिवपुरी में रहती थी और वह मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रही थी,राजकुमारी ने अपने पति का इलाज भी कराया था। घनश्याम गांव में ही रहता था और शिवपुरी आता जाता रहता था। एक पखवाड़े पूर्व घनश्याम आदिवासी की मोत गाँव मे हो गई थी।
पति की मौत के सूचना पर राजकुमारी गांव पहुंची। बताया जा रहा है मृत्यु के दो दिन बाद मृतक घनश्याम के परिवार ने घाट (मरने के बाद परिजन बाल देते हैं) के दिन राजकुमारी का भी मुंडन करा दिया,और पति के शोक में तीन तक भूखा रखा गया। इस तरह की कुरीति इस क्षेत्र में अभी भी है।