MPPSC Exam में शिवपुरी के 08 युवाओं को मिली सफलता-कोई बना नायब तहसीलदार तो कोई आबकारी इंस्पेक्टर

Bhopal Samachar
MPPSC Exam में शिवपुरी के 08 युवाओं का सफलता मिली है। शिक्षक धर्मेंद्र रघुवंशी के बेटे शिवा रघुवंशी का चयन आबकारी इंस्पेक्टर के रूप में हुआ है। वही शिवपुरी जिले के अल्ताफ राजा,हिमांशी कसाब,राजवीर गौर,निधि जैन,पीयूष जैन,अजय दांगी सहित यश जैन को भी सफलता प्राप्त हुई है।

शिवा रघुवंशी - आबकारी इंस्पेक्टर  

शिक्षक धर्मेन्द्र रघुवंशी के बेटा शिवा रघुवंशी ने 2019 मे पहली बार MPPSC का Exam दिया था। इस परिणाम में शिवा का आबकारी इंस्पेक्टर के रूप में चयन हुआ है। शिवा ने हायर सेकेंडरी परीक्षा के साथ हो आइआइटी जैसी बड़ी परीक्षा पास की और 2018 में एनआइटी भोपाल से इलेक्ट्रिक से बीटेक की डिग्री अच्छे अंकों से हासिल कर ली। प्रतिष्ठित इस्पात कंपनी में जॉब भी मिल गई, लेकिन शिवा यहां ठहरने वालों में से नहीं थे। दो माह बाद ही नौकरी छोड़ दी और बिना किसी कोचिंग के भोपाल में रहकर हो एमपीपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। साल 2019 में पहली बार पीएससी को परीक्षा दी। प्री और मेन्स में सफलता के बाद इंटरव्यू दिया, लेकिन आरक्षण के मुद्दे के कारण परिणाम अटक गया। मंगलवार रात 2019 की इस परीक्षा का परिणाम आया तो उसमें शिवा का चयन आबकारी निरीक्षक के पद पर हो गया। शिवा का लक्ष्य अभी भी बड़ा है।

अजय दांगी बने बीडीओ

पूर्व पार्षद भोपाल सिंह दांगी के बेटे अजय दांगी 2019 के एमपीपीएससी के एग्जाम को क्रैक करने में सफलता हासिल की है। अजय दांगी का चयन बीडीओ के पद पर हुआ है। अजय दांगी ने कहा कि अभी तो उन्हें पहली मंजिल मिली है, आखिरी मंजिल डिप्टी कलेक्टर बनना है, जो उन्हें 2021 और 22 के परिणाम से भी उम्मीद है। जब कॉलेज में पढ़ता था तब दीदी चारुलता दांगी का सिविल जज में सिलेक्शन हुआ और जब वह एडीजे बन गई। लोग मुझे ADJ बहन का भाई कहते थे।

यह सुन दीदी मुझसे बोली, कब तक मेरी पहचान से पहचाने जाओगे, अपनी पहचान खुद बनाओ और इतनी मेहनत करो कि लोग पूरे परिवार को तुम्हारे नाम से जानें। बस उसी दिन MPPSC फाइट करने का सपना देखा और 2019 में MPPSC परीक्षा दी तो परिणाम रुक गया। 2020 में फिर पीएससी दी और इंटरव्यू तक पहुंचा। 2021-22 में फिर पीएससी दी जिनके परिणाम का इंतजार है और मंगलवार को घोषित हुए 2019 MPPSC परिणाम में मुझे बीडीओ बनने का अवसर मिल गया।

पीयूष जैन बने नायब तहसीलदार

पीयूष जैन को पीएससी परीक्षा में नायब तहसीलदार बनने में सफलता हासिल हुई है। उन्हें 2022 की मेंस परीक्षा का इंतजार है। जिसमें डिप्टी कलेक्टर बनने का सपना वह देखते हैं। उनका कहना है कि जब जनपद पोहरी में पदस्थ उनके पिता वीरेंद्र जैन के पास अधिकारी आते थे तो उन्हें देखकर अफसर बनने का प्रयास किया। नतीजा यह रहा की 2019 की MPPSC परीक्षा परिणाम में उन्हें सफलता मिल गई।

डिप्टी जेलर से इस्तीफा देकर दोबारा दी MPPSC Exam

महल कॉलोनी निवासी पवन जैन की बेटी निधि जैन ने सन 2013 की पीएससी परीक्षा में डिप्टी जेलर बनने की सफलता हासिल हुई थी। लेकिन वह इस जॉब से संतुष्ट नहीं
थी। यही वजह रही कि उन्होंने इस पद से इस्तीफा देकर दोबारा पीएससी देना उचित समझा। हमारी तैयारी तो बेहतर थी, अब मैं आबकारी उपनिरीक्षक बन गई हूं।
मुझे इससे आगे पहुंचाने का कोई तमन्ना नहीं है।

हिमांशी बनी बीडीओ,अभी मंजिल और भी हैं

व्यवसायी रविंद्र गुप्ता की बेटी हिमांशी ने सन 2019 की पीएससी परीक्षा में वीडीओ बनने में सफलता हासिल की है। उन्होंने बताया कि 2020 की पीएससी में वह नायब तहसीलदार बनी थी। हालांकि उनका 2021, 2022 एमपीएससी परिणाम आना शेष है, लेकिन उन्हें BDO बनने में सफलता मिल गई।

अल्ताफ का सहायक संचालक उद्योग के पद पर चयन

दिनारा के रहने वाले अल्ताफ राजा पीएससी में पूर्व में भी सेलेक्ट हो चुके हैं और 2019 के आए परीक्षा परिणाम में सहायक संचालक उद्योग के पद पर चयनित हुए हैं। जो उन्हें लगातार अभ्यास से हासिल हुआ।

यश जैन नायब तहसीलदार के लिए चयन

बदरवास के व्यवसायी सतीश जैन के बेटे यश जैन ने सन 2020 की पीएससी परीक्षा में असिस्टेंट डायरेक्टर एजुकेशन बनने में सफलता हासिल की थी तब उन्होंने कहा था कि वह डिप्टी कलेक्टर बनेंगे और इसके लिए 2020-21 की परीक्षा परिणाम का इंतजार है लेकिन 2019 का परीक्षा परिणाम पीएससी का आ गया है जिसमें उन्हें नायब तहसीलदार बनने में सफलता मिल गई।

राजवीर गौर बने असिस्टेंट ट्रेजरी ऑफिसर

राजवीर सिंह गौर सन 2020 की पीएससी परीक्षा में राजवीर को असिस्टेंट ट्रेजरी ऑफिसर बनने में सफलता हासिल हुई। और उन्हें यही पद 2019 के घोषित परिणाम में मिला है। सिर्फ थोड़े से कम नंबर रह गए। इस वजह से वह एक नंबर की वेटिंग में हैं। यदि यह क्लियर हो जाती है तो उन्हें 2019 की भी असिस्टेंट ट्रेजरी ऑफिसर पद की नियुक्ति मिल जाएगी। हालांकि इस पद पर वह पहले ही पहुंच चुके हैं, और अब वह डिप्टी कलेक्टर बनने का सपना देखते हैं।