शिवपुरी। शिवपुरी माधव नेशनल पार्क में संभावना व्यक्त की जा रही है कि पार्क में नन्हे शावक को सकते है। पार्क प्रबंधन इससे इंकार नहीं कर रहा है,उसे भी उम्मीद है कि टाइगर की वंश वृद्धि हो सकती है लेकिन यह सब इसलिए क्लियर नहीं है कि बीते अक्टूबर माह से 2 टाइगर के गले में लगी कॉलर आईडी खराब हो गई है। इसलिए टाइगर की लोकेशन गायब है। इसलिए स्पष्ट लोकेशन नहीं मिल रही है। अगर पार्क में नन्हे शावक नही होते है तो यह भी आवश्यक है कि जल्द ही पार्क में दूसरे टाइगर की व्यवस्था करनी होगी।
माधव नेशनल पार्क में एक नर व दो मादा टाइगर बीते 9 माह से खुले जंगल में घूम रहे हैं। इनमें से एक नर व बाद में लाई गई दूसरी मादा टाइगर के गले में लगी कॉलर आईडी बीते अक्टूबर माह से खराब हो गई। नर व मादा टाइगर के बीच हुई मेटिंग के बाद पार्क प्रबंधन को यह उम्मीद थी कि अक्टूबर माह में नेशनल पार्क में टाइगर के शावक नजर आएंगे। उक्त मादा टाइगर पर पार्क प्रबंधन नजर रख पाता, उससे पहले ही उसके गले की कॉलर आईडी खराब हो जाने से उसकी लोकेशन मिलना बंद हो गई। अब पार्क प्रबंधन जंगल मे लगे कैमरों में टाइगर को ढूंढ रहे हैं, साथ ही पार्क कर्मचारी टाइगरों के पगमार्क देखकर उनकी मौजूदगी का पता कर रहे हैं।
3 माह बाद नजर आते है शावक
मादा टाइगर जब शावकों को जन्म देती है तो उसके बाद तीन माह तक वो उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से मांद में ही रखती है। उक्त समय अवधि पूरी होने के बाद ही शावकों को खुले जंगल में लेकर मादा टाइगर आती है। चूंकि शावकों के जन्म का समय अक्टूबर माह माना जा रहा था, लेकिन उस दौरान ही कॉलर आईडी खराब होने से मादा टाइगर की लोकेशन मिलना बंद हो गई। वहीं शावकों के बाहर आने का तीन माह का समय भी जनवरी में पूरा होगा।
टाइगर के शावक जंगल में हो सकते हैं
जिस मादा टाइगर के अक्टूबर में मां बनने की उम्मीद थी, उसकी भी कॉलर आईडी खराब हो गई है। टाइगर के शावक जंगल में हो सकते हैं, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। यदि नर टाइगर के साथ मेटिंग सफल नहीं हो रही तो फिर दूसरे नर टाइगर को जल्दी लाना पड़ेगा।
उत्तम कुमार शर्मा सीसीएफ सिंह परियोजना शिवपुरी