शिवपुरी। डॉ मोहन यादव की आज सरकार की टीम का ऐलान हो गया। मोहन सरकार में 28 महाराथी सरकार की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने का काम करेंगें। इनमें से इनमें 18 कैबिनेट मंत्री, 6 राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) और 4 राज्य मंत्री बनाए गए हैं। मोहन सरकार के मंत्रिमंडल के गठन के बाद शिवपुरी-गुना लोकसभा का 40 साल का रिकॉर्ड भी ब्रेक हो गया है।
शिवपुरी-गुना और अशोकनगर जिला मिलाकर शिवपुरी—गुना संसदीय क्षेत्र होता है। इन तीनों जिलों में कुल 12 विधानसभा सीट हैं। शिवपुरी में 5, गुना में 4 और अशोकनगर जिले में 3 विधानसभा सीटें हैं। इन 12 सीटों में से 8 पर भाजपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। शिवपुरी में 4, गुना और अशोकनगर में 2-2 भाजपा प्रत्याशी चुनाव जीतकर विधायक बने थे।
शिवपुरी जिले की करेरा सीट से रमेश खटीक, शिवपुरी से देवेंद्र जैन, पिछोर से प्रीतम लोधी और कोलारस से महेंद्र यादव विधायक बने हैं। वहीं गुना की चांचौड़ा से प्रियंका पेंची और गुना से पन्नालाल शाक्य चुनाव जीते थे। अशोकनगर की चंदेरी से जगन्नाथ रघुवंशी और मुंगावली से बृजेन्द्र यादव चुनाव जीते थे।
पिछले 40 वर्षों से इन तीन जिलों से कोई न कोई मंत्री जरूर रहता था। 1993-2003 तक तो मुख्यमंत्री ही गुना जिले से थे। दिग्विजय सिंह लगातार 10 वर्ष CM रहे। 2003 से गोपीलाल जाटव राज्यमंत्री रहे। 2008 में कन्हैयालाल अग्रवाल राज्यमंत्री रहे। शिवपुरी जिले से यशोधरा राजे सिंधिया 2005 से लगातार मंत्री रहीं। पिछली सरकार में भी तीनों जिले से मंत्री थे। 2018 की कांग्रेस सरकार में तो गुना जिले से ही दो मंत्री थे। जयवर्धन सिंह और महेंद्र सिंह सिसोदिया को मंत्री बनाया गया था। 1993 में दिग्विजय सिंह से पहले भी शिवप्रताप सिंह भी मंत्री रहे। यानी पिछले 40 वर्षों से हमेशा इस क्षेत्र को मंत्रिमंडल में जगह मिलती रही है।
सोमवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में इन तीनों जिलों से किसी को भी जगह नहीं मिली। लंबे समय बाद ऐसा मौका आया है, जब इन तीनों जिलों से मंत्रिमंडल में किसी को जगह नहीं मिली है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस बार मंत्रिमंडल तय करने का पूरा काम केंद्र ने अपने हाथ में ले लिया था। सारी चीजें दिल्ली से ही तय हुईं। इसलिए किसी भी तरह के गुट की नहीं चली है,ऐसा माना जा रहा था कि अशोकनगर या शिवपुरी जिले से एक ना एक विधायक को मंत्री पद अवश्य मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।