SHIVPURI NEWS - शहर से लगी करोडो रूपए की सरकारी जमीन पर कब्जा,व्यापार के लिए उपयोग

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शहर के आसपास लगे सरकारी हल्को में मौजूद सरकारी जमीनो की विभाग सुध नहीं ले रहा है,सरकारी जमीन पर सालो से खेती व पोल्ट्री फार्म का कारोबार हो रहा है माफियाओं ने सरकारी जमीन पर  खेती करना प्रारंभ कर दिया है।

शहर से चंद कदमो की दूरी पर स्थित लुधावली गौशाला के पास मौजूद सरकारी जमीन पर तीन से चार पोल्ट्री फार्म संचालित है। बताया जाता है कि यह सभी फार्म सरकारी जमीन पर संचालित है यहां सरकारी जमीन पर कब्जा कर पोल्ट्री फार्म को संचालित किया गया है और लाखों रुपये का कारोबार भी किया जा रहा है यह इलाका शिवपुरी जेल के पीछे और गौशाला के पीछे का इलाका है।

पोल्ट्री फार्म के आसपास लोगों के घर भी मौजूद है साथ ही पास में ही पोल्ट्री फार्म होने की वजह से लोगो को गंदगी और बदबू का सामना करना पडता है। इन तीन से चार फार्मों में से यहा एक फार्म इमरान खान नाम के व्यक्ति भी है।

यहां सबसे पहले मुर्गी के छोटे छोटे बच्चो को लाया जाता है इसके बाद उन्हे पोल्ट्री फार्म में रख कर दाना पानी दिया जाता है और फिर बड़े होने पर उन्हें थोक में बेचने का काम किया जाता है,

यहां किया सरकारी जमीन पर कब्जा
शहर के पोहरी बस स्टैंड के पीछे मौजूद सरकारी तालाब के पास प्रशासन की सरकारी जमीन पर सालो से खेती की जा रही है यहां तालाब के पास मौजूद सरकारी जमीन पर  सालो से खेती की जा रही है आज तक प्रशासन की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की गई है आंगनबाड़ी और सरकारी स्कूल के पास भी अब पत्थर की बॉडी बॉल  कर खेती की जा रही है।

शहर से लगे ककरवाया पटवारी हल्के में सरकारी जमीन पर सालों से पोल्ट्री फार्म का व्यापार और खेती की जा रही है। राजस्व विभाग के जिम्मेदारों को इसकी भनक तक नहीं है। शिवपुरी शहर सहित आसपास लगे पटवारी हल्कों में भी कई जगह सरकारी जमीनों पर कब्जे हैं, जिनकी सुध नहीं ली जा रही है।

शहर के सीआरपीएफ क्षेत्र में ककरवाया पटवारी हल्के में सर्वे नंबर 669 स्कवा 1.8 हेक्टेयर शासकीय दर्ज है, जिस पर मौजूदा समय में पोल्ट्री फार्म संचालित हो रहा है। साथ ही खाली पड़ी जमीन पर खेती बाड़ी की जा रही है। राजस्व विभाग के पटवारी को ही सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की जानकारी नहीं है। 

स्थानीय लोगों ने बताया कि जमीन पर तीन साल पहले ही पोल्ट्री फार्म बना है। यह पोल्ट्री फार्म योगेश खटीक नामक व्यक्ति का बताया जा रहा है। लेकिन आज तक राजस्व विभाग की तरफ से कोई भी जांच पड़ताल करने नहीं आया है। उक्त जमीन की कीमत करीब एक करोड़ रुपए आंकी जा रही है।