शिवपुरी। पिछोर के अतिरिक्त अपर सत्र न्यायालय के द्वारा बुधवार को हत्या के प्रकरण में फैसला सुनाया गया। जिसमें आरोपी पिता-पुत्र को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा जुर्माना भी लगाया।
जानकारी के मुताबिक तिंधारी गांव निवासी रामदेवी ने पुलिस को बताया कि 23 मार्च 2019 को ससुराल ले जाने के लिए उसका पति केपी लोधी व ससुर सिरनाम आए। जब उन्होंने उसे ले जाने के लिए कहा तो रामदेवी के पिता ने इनकार कर दिया, जिस पर झगड़ा हो गया।
इस बीच सिरनाम ने चंद्रभान लोधी को पकड़ लिया और केपी लोधी ने चाकू से कई वार किए, जिससे उनकी मौत हो गई। मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर चालान न्यायालय में पेश किया। यहां न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने व साक्ष्यों के आधार पर दोनों पिता-पुत्र को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
महिला ने साथ चलने से मना किया तो बेटे की हत्या कर दी
गताझलकुई गांव में 10 मार्च 2020 को उर्मिला अपने 9 माह के बेटे सुग्रीव के साथ खेत की ओर जा रही थी। तभी बीच रास्ते में बल्लू आदिवासी ने उसे रोका और साथ चलने को कहा। जब उर्मिला ने साथ जाने से मना किया तो आरोपी बल्लू ने उस पर चाकू से हमला कर दिया।
इस बीच उसने एक चाकू उर्मिला के बेटे के पेट में भी दे मारा। जिससे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या का के दर्ज कर न्यायालय में प्रकरण पेश किया। जहां न्यायालय ने बुधवार को आरोपी बल्लू को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई।