शिवपुरी। फसल के लिए किसानों के बीच इस समय उर्वरक की मांग है। इन दिनों बाजार में नकली व मिलावटी खाद भी मिल रही है और कालाबाजारी भी हो रही है। इसे रोकने के लिए प्रशासन ने करैरा में कार्रवाई करते हुए दो उर्वरक विक्रेताओं की दुकानें सील कर उनके विक्रय प्राधिकार पत्र निलंबित किए गए हैं तथा दिनारा में नकली उर्वरक बनाने वाले के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है।
कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी ने अधिकारियों को निरीक्षण कर अनियमितता करने वालों पर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। जिले में 15 सहकारी समितियों को भी डीएपी दिया जा रहा है। डिफाल्टर कृषक गांव से उर्वरक ले सकते हैं।
उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले में 10 नवंबर की स्थिति में 7811 मीट्रिक टन यूरिया, 4611 मीट्रिक टन डीएपी, 4072 मेट्रिक टन एनपीके तथा 9074 मेट्रिक टन एसएसपी भंडारित है। उप संचालक कृषि ने बताया कि करैरा में अभी तक सहकारी एवं निजी क्षेत्र में 550 मीट्रिक टन यूरिया, 205 मीट्रिक टन डीएपी एवं 250 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है।
शिवपुरी रेक पाइंट पर डीएपी उर्वरक की लगभग 2700 मीट्रिक टन की रेक ट्राजिट में है। किसानों की सुविधा की दृष्टि से मार्कफेड के 8 नए उर्वरक विक्रय केन्द्र प्रारंभ कराए गए हैं। करैरा मंडी में बड़ी संख्या में किसानों के आने से एक अतिरिक्त नवीन उर्वरक विक्रय केन्द्र की स्थापना की जा रही है। करैरा मंडी के उर्वरक विक्रय केन्द्र में उर्वरक का अधिक भंडारण कराया जा रहा है
जिससे किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक प्राप्त हो सके। वर्तमान में जिले में उर्वरकों का पर्याप्त भण्डारण है एवं प्राप्त हो रही रेकों से निरंतर उर्वरक आपूर्ति कराई जा रही है।
अब तक इतना हुआ विक्रय शिवपुरी जिले में अक्टूबर 2023 में यूरिया, डीएपी तथा एनपीके उर्वरकों का कुल 18574 मेट्रिक टन विक्रय हुआ है जो कि गत वर्ष की इसी अवधि से 3 प्रतिशत अधिक है। इसी प्रकार विगत वर्ष 9 नवंबर, 2022 तक यूरिया, डीएपी तथा एनपीके उर्वरकों का कुल 7835 मेट्रिक टन विक्रय हुआ था जिसकी तुलना में 9 नवम्बर 2023 तक यूरिया, डीएपी तथा एनपीके उर्वरकों का कुल 9344 मेट्रिक टन विक्रय हुआ है जो कि गत वर्ष की इसी अवधि से 19 प्रतिशत अधिक है। कृषकों को सलाह दी जाती है कि उत्पादन लागत को कम करने के लिए यूरिया एवं डीएपी के स्थान पर नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी का उपयोग करें।