SHIVPURI NEWS - केंद्रीय विद्यालय में हुआ 900 बच्चो का स्वास्थ परिक्षण, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम

Bhopal Samachar
शिवपुरी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आईटीबीपी केंद्रीय विद्यालय शिवपुरी में 0 से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया जिसमें अभी तक लगभग 900 बच्चो के स्वास्थ्य का परीक्षण हो चुका है।

डॉ. गरिमा सिंह बाल एवं शिशु दंत रोग विशेषक्षा ने बताया कि केंद्रीय विद्यालय में इसकी शुरुआत सोमवार 20 नवंबर से की गई थी और यह 29 नवंबर बुधवार तक जारी रहेगा,राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत साल में दो बार यह परीक्षण किया जाता है जिसमें से यह एक था यह परीक्षण मोबाईल हेल्थ टीम के द्वारा किया गया था जिसमें हमारे शात डॉ.प्रवीन वर्मा और डॉ. वैष्णवी देवी चंदौरिया मुख्य रूप से मौजूद रही।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का क्या है लक्ष्य
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का लक्ष्य बच्चों के जन्म से लेकर 18 साल तक उनके जन्म जन्म दोष, कमियों, बीमारियों, विकास में होने वाले विलंब के साथ-साथ अशक्तता की समय से पहले पहचान तथा हस्तक्षेप करना है।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत कब की गई?
14 नवंबर 2014 है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका गांधी ने 14 नवंबर 2014 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय बाल स्वच्छता मिशन की शुरुआत की।

इसमें प्रावधान है कि 0-6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का प्रबंधन विशेष रूप से जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र (डीईआईसी) स्तर पर किया जाएगा, जबकि 6-18 वर्ष आयु वर्ग के लिए स्थितियों का प्रबंधन मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से किया जाएगा। DEIC दोनों आयु समूहों के लिए रेफरल लिंकेज के रूप में कार्य करेगा। राज्य में चरणबद्ध तरीके से डीईआईसी की स्थापना की जा रही है।

मौजूदा चिकित्सा अधिकारियों, स्टाफ नर्सों और एएनएम के माध्यम से सभी डिलीवरी बिंदुओं पर प्रथम स्तर की स्क्रीनिंग की जा रही है। 48 घंटे के बाद 6 सप्ताह की आयु तक नवजात शिशुओं की जांच एचबीएनसी पैकेज के तहत घर पर आशा द्वारा की जा रही है।

समर्पित मोबाइल स्वास्थ्य टीमों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर 6 सप्ताह से 6 वर्ष के बच्चों और स्कूल में 6-18 वर्ष के बच्चों की आउटरीच स्क्रीनिंग की जा रही है।

एक बार जब बच्चे की जांच की जाती है और इनमें से किसी भी पहचान बिंदु से रेफर किया जाता है, तो यह सुनिश्चित किया जाता है कि आवश्यक उपचार/हस्तक्षेप निःशुल्क दिया जाए।