शिवपुरी। शिवपुरी की देहात थाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए शिकायत डीआईजी को की गई है। इस शिकायत में देहात थाना पुलिस का नंगा नाच सामने आया है,शिकायत में कहा गया है कि देहात थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी अवैध रूप से घर में घुसे महिला का अर्धनग्न वीडियो बनाया और उसके बेटे सहित 3 लोगो को उठा ले गए और स्मैक और अवैध हथियारों की सप्लाई में मामले में झूठे प्रकरण में फ़साने के डर दिखाकर 3 लाख रुपए वसूले है,फिलहाल इस मामले की जांच एसडीओपी शिवपुरी कर रहे है।
पीड़ित पक्ष के अनुसार 18 अक्टूबर की रात जब जवाहर कॉलोनी निवासी ऑटो चालक अमित घनावत अपने घर पर सो रहा था तभी देहात थाने पर पदस्थ पुलिसकर्मी गजेंद्र सिंह परिहार, विनय कुमार सिंह और शरद यादव उसके घर पहुंचे। उनके अनुसार सबसे पहले तो पुलिसकर्मियों ने उसकी मां का अर्धनग्न वीडियो बनाया और फिर अमित घनावत सहित उसके मामा सुनील छारी व एक अन्य व्यक्ति को उठाकर थाने ले आए।
पुलिसकर्मियों ने थाने में पहले तो अमित की जमकर मारपीट की और फिर उसे स्मैक सप्लाई व अवैध हथियारों की तस्करी में फंसाने के नाम पर उससे छह लाख रुपये की मांग की। जब अमित के स्वजन ने छह लाख रुपये देने में असमर्थता जताई तो पुलिसकर्मियों ने सौदेबाजी शुरू कर दी, अंततः तीन लाख रुपये लेकर तीनों को छोड़ दिया गया। पुलिस की ज्यादती से तंग परिवार ने मामले की शिकायत डीआईजी को दर्ज कराई।
उक्त शिकायत के उपरांत अब पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि देहात थाना पुलिस इस मामले में अब रुपये वापस लेकर राजीनामा करने का दबाव बना रही है। इस पूरे मामले में जब देहात थाना प्रभारी विकास यादव से बात की गई तो उनका कहना था कि मामले की विभागीय जांच की जा रही है। ऐसे में मैं इस मामले मों कुछ नहीं कह सकता हूं।
पीड़ित परिवार ने अमित सहित अन्य लोगों को पुलिस द्वारा आधी रात को घर से उठाकर ले जाने के वीडियो भी उपलब्ध करवाए हैं, परंतु पुलिस रिकार्ड में न तो उक्त लोगों की कोई गिरफ्तारी दर्शाई गई हैं और न ही इन्हें पूछताछ के लिए थाने लाना दर्शाया गया है। पीड़ित पक्ष के अनुसार अगर थाने के सीसीटीवी चेक कराए जाएं तो मामले का खुलासा हो जाएगा।
इस मामले में जब देहात थाना प्रभारी विकास यादव से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा कि विभागीय मामले में अधिकारी ही बता पाएंगे। इसके बाद एसडीओपी संजय चतुर्वेदी से सवाल किया तो उन्होंने कल बात कहने का बोल कर टाल दिया, जबकि वे इस मामले के जांच अधिकारी हैं।