शिवपुरी। शिवपुरी में टूरिज्म बढाने के लिए शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में टाइगरो लाने की मंजूरी पांच टाईगरो को लाने की परमीशन वाइल्ड लाइफ ने दी थी। इस प्रक्रिया में पार्क में 3 टाइगर रिलीज किए गए थे। पार्क में टाइगरो को 8 माह का समय हो गया लेकिन अभी तक टाइगरो का कुनबा नहीं बडा है इसलिए पार्क प्रबंधन चिंतित भी है वही शेष बचे 2 टाइगरो को पार्क में और लाने की प्रक्रिया आचार संहिता हटने के बाद शुरू कर दी जाऐगी।
21 मार्च को लाए गए थे 3 टाइगर
पार्क में तीन टाइगरों को 21 मार्च को पार्क में बलारपुर के जंगल में बड़े बनाकर उसमें छोड़ा गया। बाद में जब टाइगरों को जंगल में रिलीज किया तो उन्होंने बाड़े के आसपास ही अपना आशियाना बना लिया। दो मादा व एक नर टाइगर को लाए हुए 8 माह गुजर गए, लेकिन अभी तक टाइगरों के कुनबे में कोई वृद्धि नहीं हुई।
पार्क के दूसरे जोन में बनाए जाएंगे बाडे
पार्क में अब टाइगर का नया जोड़ा लाने की तैयारी शुरू हो गई। नेशनल पार्क की डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि पार्क के दूसरे जोन में अब नए बाड़े बनाए जाएंगे, ताकि जब उन्हें बाड़े में से रिलीज करेंगे तो फिर वे दूसरे जोन में अपनी बसाहट कर सकेंगे। इससे नेशनल पार्क के दो जोन में टाइगरों की मौजूदगी होने से सैलानियों को वे आसानी से दिख सकेंगे।
भोपाल में चल रहा है मंथन
माधव नेशनल पार्क में लाए जाने वाले टाइगर कहां से लाए जाएंगे, इसे लेकर भोपाल स्तर पर मंथन चल रहा है। नर-मादा टाइगर का जोड़ा अलग-अलग क्षेत्र से लाया जाएगा, जिन्हें पहले नए बाड़े बनाकर उसमें छोड़ा जाएगा, उसके बाद उन्हें बाड़े से बाहर निकाला जाएगा। चूंकि बाड़े में कुछ समय गुजारने के बाद टाइगर वहां के जंगल को पहचान लेता है, इसलिए रिलीज होने के बाद वो वहीं आसपास अपना आशियाना बना लेता है। यही वजह है कि पार्क प्रबंधन आने वाले टाइगरों की बसाहट दूसरे जोन में करने के लिए वहां पर नए बाड़े बनाएगा।
कुनबा ना बढ़ने से पार्क प्रबंधन चिंतित
मार्च माह में लाए गए तीन टाइगर में एक नर व दो यादा टाइगर को जंगल में छोड़ा गया। नर व मादा टाइगर का जोडा बनने, के बाद महज सौ दिन में मादा बाघिन शावकों को जन्म देती है। नेशनल पार्क में छोडे टाइगरो में से मादा टाइगर ने अलग अलग समय में दोनों टाइगरो के साथ समय गुजार लिया लेकिन अभी तक पार्क से कोई खुशखबरी नहीं है।
जब तक कुनबा नहीं बढ़ेगा, तब तक यह माना नहीं जाएगा कि टाइगरों के लिए माधव नेशनल पार्क मुफीद है। इसलिए अब फिर नया जोड़ा लाने की तैयारी है। पार्क में छोड़े गया नर टाइगर अलग-अलग समय में दोनों मादा टाइगरों के साथ समय गुजार चुका है, लेकिन अभी तक टाइगरों के कुनबे में कोई वृद्धि नहीं हुई। जिसे लेकर पार्क प्रबंधन भी चिंतित है,
आचार संहिता खत्म होते ही बढ़ेगी गति
माधव नेशनल पार्क में दो और टाइगर लाए जाने हैं, उन्हें कहां से लाया जाए, इस पर चर्चा चल रही है। आने वाले टाइगरों के लिए पार्क के दूसरे जोन में नए बाडे बनाए जाएंगे, ताकि एक ही जगह पर टाइगरों की भीड़ न रहे। आचार संहिता खत्म होने के बाद प्रक्रिया में गति आएगी।
प्रतिभा अहिरवार, डिप्टी डायरेक्टर माधव नेशनल पार्क शिवपुरी