शिवपुरी। शिवपुरी आचार संहिता के दौरान स्कूल में पदस्थ शिक्षकों को रिलीव करना दो प्राचार्य को महंगा पड़ गया। इस मामले की जानकारी जब जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौड़ को मिली तो उन्होंने इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना और प्राचार्य को नोटिस देकर जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल शिक्षा विभाग में पिछले 9 माह से चल रही उच्च पद प्रभार की प्रक्रिया आचार संहिता के चलते रोक दी गई थी। आयुक्त स्तर से सभी शिक्षकों की काउंसिलिंग हो गई थी किंतु उच्च श्रेणी शिक्षक व माध्यमिक शिक्षक से व्याख्याता व उच्च माध्यमिक शिक्षक के आदेश नहीं हो सके थे हालांकि प्राथमिक शिक्षक से माध्यमिक शिक्षक के आदेश संयुक्त संचालक स्तर से ऑफ लाइन जारी कर दिए थे।
लेकिन अधिकांश शिक्षकों की निर्वाचन में ड्यूटी होने से चुनाव कार्य बाधित न हो इसलिए कार्यमुक्त न करने के निर्देश दिए गए। 17 नवम्बर को चुनाव खत्म होते ही जिले के संकुल प्राचार्य करही एवं बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करैरा के प्राचार्य द्वारा प्राथमिक शिक्षक से माध्यमिक शिक्षक के लिए उच्च पद प्रभार लेने वाले शिक्षकों को कार्यमुक्त कर दिया ।
जानकारी मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा दोनों प्राचार्यों को चुनाव आचार संहिता का हवाला देते हुए कारण बताओ नोटिस देकर स्पष्टीकरण चाहा गया है ।जिला शिक्षा अधिकारी के अनुसार आचार संहिता में रोक के बावजूद शिक्षकों को कार्यमुक्त किया जाना गलत है।
इसके लिए निर्वाचन आयोग की अनुमति ली जाना थी, किंतु प्राचार्य द्वारा बिना अनुमति शिक्षकों को कार्यमुक्त करके आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है । संबंधित प्राचार्य को दो दिवस में नोटिस का जवाब देना है ।उच्च पद प्रभार की आस लगाए बैठे शिक्षकों के लिए अब आचार संहिता समाप्ति का इंतजार ही करना होगा।