शिवपुरी। जिले की कोटा फोरलेन पर मौजूद खरई आरटीओ चेकपोस्ट पर वर्षो से हो रही अवैध वसूली को रोकने में प्रशासन आज तक नाकाम रहा है यहां प्राइवेट लोगों के द्वारा अवैध रूप से ट्रक चालकों से 2 हजार रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक की अवैध वसूली दिन रात की जा रही है। जिले में यह खेल कई सालो से चल रहा है इसपर प्रशासन का कोई भी अधिकारी आज तक कोई लगाम नहीं लगा सका है
जिले में कई कलेक्टर बदल गये लेकिन यह खेल इसी तरह अभी तक जारी है। कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी अगर इस अवैध बसूली को बंद करा देते है। तो वह जिले के पहले कलेक्टर होंगे जो इस कार्यवाही को अंजाम देंगे, यहां ,परमीट,और ऑवर लोड वाहन के नाम पर वेबजह बेसहारा ट्रक चालकों से हजार रुपये की बसूली की जाती है। कभी कभी यहा 10-10 दिनों तक ट्रक चालकों को ड्यूमेंस के नाम पर रोका जाता है।
केंद्र के पत्र के बाद कुछ राज्यों में हुए बंद
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के सचिव ने 12 राज्यों के प्रमुख सचिवों को एक पत्र जारी कर कहा है कि देश में 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद इन चेकपोस्टों को बंद करने का आश्वासन दिया गया था। कुछ राज्यों में चेकपोस्ट बंद भी कर दिए गए हैं और कुछ राज्यों में यह चालू हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि अब वाहन और सारथी सॉफ्टवेयर पर ही पूरा डेटा मौजूद है। मंत्रालय ने चेकपोस्टों की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी मांगी है। यदि यह बैरियर बंद होंगे तो ट्रक चालकों को इस अवैध वसूली से काफी राहत मिलेगी
वसूली की शिकायत करें तो भी कहां?
बैरियरों पर इस तरह का सिस्टम बनाया गया है कि ट्रक चालक यहां पहुंचने के बाद रुपये दिए बिना जा ही नहीं सकता है। बैरियर पर कायदे से आरटीओ के साथ थोड़ा बहुत अमला तैनात होता है। लेकिन यदि खरई बैरियर पर जाकर देखें तो वहां पर 15 से 20 प्राइवेट आदमी आसानी से दिख जाएंगे जो ट्रकों को रोकना, वसूली लेना, पर्ची जांचना जैसे काम करते हैं। इतना ही नहीं इस बात की भी पूरी नजर रखी जाती है कि कहीं कोई वीडियो न बनाए। इसमें चालकों की मुसीबत यह है कि वे मौके पर किसी से शिकायत करना चाहें तो किससे करें। उनके पास एकमात्र विकल्प सीएम हेल्पलाइन लगाने का रहता है जो लंबी प्रक्रिया है। अधिकांश चालक दूसरे राज्यों के होते हैं इसलिए उन्हें मजबूरी में रुपये देने पड़ते हैं।
गेट पास देते हैं जिससे पता चले कि एंट्री मिल गई
बैरियरों पर नियम विरुद्ध बाकायदा गेट पास दिया जाता है। इसमें न तो ली गई राशि का उल्लेख होता है और न किसी अन्य जानकारी का। इस पर सिर्फ वाहन का नंबर अंकित होता है। जब ट्रक चालक यह गेट पास दिखाता है तब ही उसके वाहन को बैरियर से बाहर जाने दिया जाता है। इस गेट पास पर न तो किसी अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं और न ही विभाग की सील। बैरियर पर इसे वाहन निरीक्षण स्लिप कहते हैं जो इस बात की सूचक है कि वाहन चालक ने एंट्री जमा करा दी है।
1 से 2 हजार रुपये में ही जाने देते है। केवल इसी बॉडर पर अवैध वसूली है।
खरई बैरियर पर मौजूद राजू नाम के ट्रक चालक ने बताया कि यहां ड्यूमेंस देखने के बाद भी अवैध रूप से 1 से 2 हजार रुपये मांगे जाते है और मजबूरी में हमें देना भी पडते है अन्यथा यह जाने नही देते है। और ना ही कोई रसीद देते है अगर जबरदस्ती जाना चाहते है तो मारपीट कर देते है हमे किसी भी बॉडर पर कोई पैसा नही देना पड़ता है केवल मध्य प्रदेश बॉर्डर है जिस पर हमें अवैध रूप से पैसे देने पड़ते है।
ट्रक चालक राजू
ऑनलाइन परमिट कराने के बाद भी मांग रहे 34 हजार,4 दिन से न खाना न पानी जंगल एरिया में काट रहे रात
खरई कैरियर पर मौजूद राजेश यादव ने बताया कि में झांसी से मूंगफली लेकर गुजरात जा रहा हूॅ। लेकिन मुझे खरई बॉडर आरटीओ चेक पोस्ट पर रोक लिया गया मेरा 10 किलोमीटर पहले परमिट खत्म हो गया किसी कारण में रिन्यू नही पाया जब में आरटीओ खरई ऑफिस पर मिला तो उन्होने कहा कि हजार दो हजार रुपये लेकर निकाल देंगे लेकिन अब यहा 34 हजार रुपये का चालान बना रहे है मैंने यहा भी बोला की मैने ऑनलाईन परमीट करा लिया है। तब भी अभी गाडी नही छोड रहे है कर रहे है कि 15 हजार लेकर आओ तो जाने देगे। अभी चार दिन हो गये है जगल ऐरिया है न खाने को है न पीने को है।
राजेश यादव झांसी ट्रक चालक