SHIVPURI NEWS - खंडग्रास चंद्रग्रहण के कारण आज चांद से नही होगी अमृत वर्षा,दिन में बटेगी खीर

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शरद पूर्णिमा पर 28-29 अक्टूबर की दरमियानी रात 1.05 बजे से रात 2.23 बजे तक खंडग्रास चंद्रग्रहण रहेगा। ग्रहण का सूतक काल शाम 4.05 बजे से लग जाएगा। सूतक से पहले सभी मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे और अगले दिन नहीं खुलेंगे। इस बार शरद पूर्णिमा पर ग्रहण होने से खीर वितरण सहित अन्य आयोजनों में भी आयोजन समितियों ने बदलाव किया है। रात में आयोजित होने वाले खीर वितरण जैसे कार्यक्रम इस बार दिन में ही होंगे।

ज्योतिषाचार्य पंडित विकास दीप शर्मा ने बताया कि खंडग्रास चंद्रग्रहण पूरे भारत वर्ष में दिखाई देगा। ग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में होगा। इस बार एक पखवाड़े में ग्रहण है। यह दूसरा ग्रहण इससे पहले 14 अक्टूबर को कंकणाकृति सूर्यग्रहण था, जो भारत में दिखाई नहीं दिया। अब खंडग्रास चंद्रग्रहण शनिवार रात को है।

यह इस साल का आखिरी ग्रहण है। दौरान और ग्रहण काल में नहीं किया जा सकेगा। ग्रहण काल में शनिवार शाम 4 बजे से भगवान के पट बंद हो जाएंगे। इसलिए रात में खीर न बांटते हुए हम सुबह 11 बजे से खीर वितरण शुरू करेंगे। शाम 4 बजे मंदिर के पट बंद हो जाने के बाद फिर रविवार सुबह आरती के समय ही पट खुलेंगे। पंडित अरुण शर्मा, महाराज, मंशापूर्ण, हनुमान मंदिर शिवपुरी

जानिए... चंद्रग्रहण का किन राशियों पर क्या रहेगा प्रभाव शुभ: मिथुन, कर्क, वृश्चिक और कुंभ मिश्रित सिंह, तुला, धनु, मीन।

ठीक नहीं : मेष (सर्वाधिक प्रभावित रहेगी), वृषभ, कन्या, मकर पंडितों के अनुसार जिन राशि के लिए ग्रहण ठीक नहीं है उन्हें ग्रहण के दौरान दर्शन नहीं करना चाहिए। औषधि स्नान,महामृत्युंजय के जाप और ईष्ट देवता का नाम जाप करें।

सुबह 11 बजे से खीर वितरण शुरू करेंगे
पंडितों के अनुसार शरद पूर्णिमा पर मान्यता है। कि चंद्र किरणों से अमृत वर्षा होती है। इस बार ग्रहण है। पूर्णिमा को खीर आदि का लगने वाला भोग सूतक के पूर्व लगाया जा सकता है। भोग में तुलसी द / कुशा अवश्य छोड़ें। दूध आदि खाद्य पदार्थ दूषित नहीं होते हैं। ग्रहण समाप्ति बाद स्नान आदि कर्म के बाद या दूसरे दिन भोग को ग्रहण किया जा सकता है। 

धर्म शास्त्रीय मान्यता के अनुसार किसी भी व्रत-पर्व से संबंधित का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। अतः पूर्णिमा प्रभाव अनुष्ठान पर ग्रहण का कोजागरी व्रत, लक्ष्मी इंद्र की पूजा आदि व्रत निर्धारित समय पर किए जा सकेंगे।