ललित मुद्गल एक्सरे। शिवपुरी। शिवपुरी जिले में विधानसभा चुनावो में राजनीति बडी तेजी से बदली है,बड़े ही अप्रत्याशित घटनाक्रम सामने आए है। कांग्रेस ने शिवपुरी जिले की पांचो विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी फाइनल कर दिए है। कांग्रेस ने जिले की किसी भी विधानसभा सीट पर ब्राह्मण प्रत्याशी पर भरोसा नही किया है। वही भाजपा ने अपने दो सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए है करैरा आरक्षित सीट और पिछोर सीट पर,अब भाजपा के पास कोलारस,पोहरी और शिवपुरी विधानसभा सीट है। इन तीनों सीटों पर भाजपा के पास शिवपुरी विधानसभा ही एक ऐसी विधानसभा सीट है जिस पर ब्राह्मण प्रत्याशी पर दांव खेल सकती है।
कांग्रेस लॉक-भाजपा के पास अवसर शेष-इसलिए आवश्यक
शिवपुरी जिले की राजनीति की बात करे तो सबसे पहले पिछोर विधानसभा की बात करते है। यहां भाजपा ने प्रीतम लोधी को अपना उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने जैसे प्रीतम लोधी को अपना उम्मीदवार बनाया था-भाजपा के खिलाफ सोशल पर पोस्ट वायरल होना शुरू हो गई थी। कारण एक मात्र कि प्रीतम ने ब्राह्मण विरोधी बयान दिया था और इस बयान पर वह भाजपा से सस्पेंड भी हुए थे,लेकिन भाजपा ने प्रीतम की बहाली करते हुए पिछोर से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। पिछोर विधानसभा में ब्राह्मण समाज की मतदाताओं की संख्या लगभग 18 हजार है। ब्राह्मण समाज के सम्मान और क्रोध शांत करने के लिए शिवपुरी से ब्राह्मण प्रत्याशी अति आवश्यक हैं।
पोहरी में जिस ओर ब्राह्मण जाएगा जीत पक्की
पोहरी विधानसभा जातिवाद से श्रापित है यहां विकास मुद्दा नही है केवल जातिवाद हावी है। कांग्रेस ने कैलाश कुशवाह के नाम पर मोहर लगा दी,अब यहां कांग्रेस से उम्मीद करना बेमानी है। भाजपा से वर्तमान विधायक और राज्य मंत्री सुरेश राठखेडा और दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री पूर्व विधायक प्रहलाद भारती के नाम पर कभी भी मोहर लगा सकती है। यहां फिर ब्राह्मण समाज के हाथ खाली है। पोहरी विधानसभा में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या 15 हजार है अगर शिवपुरी विधानसभा से भाजपा ब्राह्मण प्रत्याशी के माथे पर तिलक करती है तो पोहरी के ब्राह्मण भाजपा का सम्मान कर सकते है इसलिए शिवपुरी में अति आवश्यक है।
करैरा में ब्राह्मण मतदाता 25 हजार
कोलारस विधानसभा में आरक्षित विधानसभा सीट है लेकिन करैरा में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या 25 हजार है। करैरा से भाजपा से पूर्व विधायक और दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री रमेश खटीक को अपना उम्मीदवार बनाया है,वही प्रागीलाल जाटव कांग्रेस से उम्मीदवार है। भाजपा शिवपुरी विधानसभा से ब्राह्मण उम्मीदवार को शिवपुरी को माला पहनाती है तो करैरा के ब्राह्मण वोटरो का झुकाव भाजपा की ओर हो सकता है। ब्राह्मण समाज भाजपा के लिए कन्वेंस कर सकता है इसलिए शिवपुरी में भाजपा को अपना झंडा किसी ब्राह्मण नेता के हाथों में थमाना चाहिए इससे करैरा में उसे फायदा मिल सकता है। इसलिए फिर लिख सकते है कि शिवपुरी में ब्राह्मण उम्मीदवार अति आवश्यक है।
कोलारस में 18 हजार के लगभग ब्राह्मण वोटर है,कोलारस में कांग्रेस ने बैजनाथ सिंह यादव को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। अब भाजपा में कोलारस से दूर दूर तक ब्राह्मण प्रत्याशी दिखाई नही दे रहा है। कोलारस का मुकाबला दोनों पार्टियों का घमासान होता है। अगर शिवपुरी विधानसभा में भाजपा अपना प्रत्याशी ब्राह्मण नेता केा अपना दावेदार बनाती है तो कोलारस में भाजपा ब्राह्मण मतदाताओं पर अपना दावा कर सकती है। इसलिए भाजपा से शिवपुरी में ब्राह्मण प्रत्याशी अति आवश्यक है।
अब शिवपुरी विधानसभा की बात करते है तो यहां जिले मे सबसे अधिक ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या लगभग 30 हजार है। ब्राह्मण प्रत्याशी भाजपाई होता है तो ब्राह्मणों का रुख अपने सजातीय उम्मीदवार की पक्ष में जाऐगा। शिवपुरी विधानसभा जिला मुख्यालय विधानसभा है जिले से प्रत्येक विधानसभा का व्यक्ति सीधे संपर्क में होता है। भाजपा के पास अब एक सुनहरा मौका है कि वह ब्राह्मण प्रत्याशी के माथे पर तिलक करे। जिससे पांचों विधानसभा में पार्टी पर ब्राह्मण हितैषी होने का तमगा लगेगा।
अब बात करते है शिवपुरी विधानसभा सेे दावेदारों की
रामजी व्यास रिटायर्ड सरकारी अफसर है-काम करने की समझ है साथ में नगर पालिका में जो तर्क वह विकास के लेकर रखते है उससे सब उनके मुरीद है कहने का सीधा अर्थ है कि विकास को लेकर उनके पर अपना एक प्लान है। विकास के कामों में क्या अड़चन है यह कैसे दूर होगा उसका हल रामजी व्यास के पास होता है। शिवपुरी में नगर पालिका चुनाव में अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद रामजी व्यास की पत्नी सरोज रामजी व्यास को उपाध्यक्ष बनाया गया।
पार्टी हित के लिए त्याग किया और उपाध्यक्ष के पद पर संतोष किया। उसके बाद 2 मामलों को लेकर एफआईआर उसके बाद नगर पालिका उपाध्यक्ष के रूप में सरोज रामजी व्यास की जो लगातार उपेक्षा की गई इससे ब्राह्मण समाज भाजपा से नाराज है वही जिले की भाजपा में रामजी व्यास वह इकलौते चेहरे जो मुसलमान समाज में लोकप्रिय है ताजियों के समय मुसलमान समाज रामजी व्यास को पगडी बांधता है। कुल मिलाकर भाजपा का एक सैकुलर चेहरा है रामजी व्यास।
रामजी व्यास को भाजपा अगर शिवपुरी से अपना प्रत्याशी बनाती है तो सीधे सीधे ब्राह्मण समाज की नाराजगी दूर होगी और मुसलमान वोटर भी भाजपा के पक्ष में अपना मतदान कर सकता है। भाजपा के इस निर्णय से जिले की पांच विधानसभा सीट से भाजपा को लाभ होगा। रामजी व्यास के प्रत्याशी बनाए जाने पर कोलारस में सीधे सीधे भाजपा को लाभ है क्यो कि रामजी व्यास कोलारस के मूल निवासी है। वही व्यास ब्राह्मण समाज के एक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भी है।
भारतीय जनता पार्टी मे शिवपुरी विधानसभा के लिए ब्राहम्मण समाज से भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विजय शर्मा का है। छात्र जीवन से राजनीति शुरू करने वाले विजय शर्मा सिंधिया राजपरिवार का एक हिस्सा रहे है। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विजय शर्मा को युवक कांग्रेस का जिलाध्यक्ष बनवाया था उसके बाद युवक कांग्रेस के प्रदेश सचिव का पद भी विजय शर्मा संभाल चुके है। कहते है जहां महाराज वहां विजय शर्मा,वर्तमान में विजय शर्मा भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य है।
विजय शर्मा एक ऐसा चेहरा है जो शिवपुरी के वैश्य समाज में अपनी पकड़ रखता है। सबसे बडी दूसरी खास बात यह है कि विजय शर्मा ज्योतिरादित्य सिंधिया के शिवपुरी में सबसे नजदीकी माने जाते है। विजय शर्मा की छवि राजनीति में बेदाग,सहजता और सरलता भरी हुई है वही अगर भाजपा विजय शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाती है और विजय शर्मा विजयी होते है सरकार भाजपा की बनती है तो विजय शर्मा महाराज की मदद से शिवपुरी में बडे प्रोजेक्ट कर सकते है
भाजपा से तीसरा नाम धैर्यवर्धन शर्मा का आता है,शिवपुरी में धैर्य एक ऐसा नेता है जो यशोधरा राजे सिंधिया की चुनाव ना लड़ने की घोषणा से पूर्व ही खुलकर शिवपुरी विधानसभा से अपनी दावेदारी जता रहे है। धैर्यवर्धन शर्मा पिछले 25 सालों से राजनीति में सक्रिय है। नेतृत्व क्षमता है और राजनीति की बारिक पकड़ रखते है,शहर में युवाओं में लोकप्रिय होकर स्वच्छ छवि वाले नेता है। वही ब्राह्मण वोटर संख्या और अपनी वाकपटुता से वह भाजपा के टिकट पर खरे उतर रहे है।