मोहन सिंह @ शिवपुरी। इस समय किसान अपने खेत में रबी की फसल की बोनी कर रहे है। इसके लिए वह खाद बीज की खरीदारी कर रहे है लेकिन कुछ दुकानदार खाद को महंगी रेटो पर ब्लैक में खुले आम बेच रहे है। यहा तक की वह एक बैग को 100 से 150 रुपये महंगा बेच रहे है। ताजा मामला जिले के बदरवास से आया है।
हाल ही में किसानों ने अपने खेतों से सोयाबीन,मक्का,मूंगफली,ज्वार,उड़द, आदि की फसलों को काट कर अपने घर में रखा है। और खेतों को जोत कर अब रबी की फसलों की बुवाई की जा रही है। इसके लिए वह खाद बीज की खरीदारी कर रहे है। लेकिन प्राइवेट दुकानदार से लेकर सरकारी बिक्रेताओं तक इसका दुरुपयोग कर रहे है। और खाद की कालाबाजारी कर उसे ब्लैक में अधिक रेट पर बेच रहे है।
इस समय इन फसलो कि की जा रही है, बुवाई
रबी की फसलों में अधिकतर शिवपुरी जिले के किसान गेहूं,चना,सरसों,मसूर की खेती करते है। इन फसलों में से अधिकतर फसलो में बुवाई के समय ही खाद की आवश्यकता पडती है। रबी की फसलों में कई तरह के खाद का इस्तेमाल किया जाता है जैसे एनपीके,डीएपी,यूरिया उर्वरक,आदि। एनपीके खाद में 12% नाइट्रोजन, 32% फास्फोरस और 16% पोटेशियम होता है। जिससे फसलों में अधिक लाभकारी होता है। लेकिन रबी की इन फसलों में इस समय सबसे ज्यादा डीएपी खाद की ही जरूरत पड़ रही है।
डीएपी खाद की आ रही है किल्लत
फिलहाल किसानों को सबसे ज्यादा डीएपी खाद की जरूरत पड रही है। लेकिन ऐसे में देखा जा रहा है कि दुकानदार एक किसान को लगभग 3 से 4 बैग खाद ही दे रहे है। बल्कि सरकारी नियम के अनुसार एक व्यक्ति को 10 खाद के बैग देना नियम में है। जब किसानों को पर्याप्त खाद नही मिलता है तो वह विक्रेता से ब्लेक में खाद खरीदने को मजबूर हो जाते है। जिसे दुकानदार मनमानी रेट लगाकर खाद को विक्रय कर रहे है। बताया जा रहा है कि सरकारी रेट के अनुसार डीएपी की कीमत 1350 रुपये है जबकि बिक्रेता इसको 1400-से-1500 रुपये में खुले आम बेच रहे है।
यह रहे इस समय आवश्यकता पड़ने वाले खाद की सरकारी रेट
सरकारी रेट के अनुसार डीएपी खाद की कीमत 1350 रुपये है जबकि बिक्रेता इसको ब्लैक में 1400 से 1500 रुपये में बेच रहे है। यानी कि एक बैग पर 150 रुपये का मुनाफा कमा रहे है। वही एनपीके खाद की सरकारी रेट 1250 रुपये है जबकि दुकानदार इसको 1350 रुपये तक ब्लैक में बेच रहे है। यानी इसके एक बैग पर 100 रुपये का मुनाफा कमा रहे है। पोटाश की बात की जाए तो इसकी सरकारी रेट 1700 रुपये है जबकी बिक्रेता इसको 1800 रुपये तक ब्लैक में बेच रहे है। यानी इसपर भी वह 100 रुपये का मुनाफा कमा रहे है।
इन तहसीलों में आ चुकी है कालाबाजारी की शिकायत
जिले की कोलारस तहसील के बदरवास में सब्जी मंडी के सामने मनोज बीज भंडार के नाम से एक दुकान संचालित है। दो दिन पहले इस दुकान से किसानों की शिकायत मिली की यहां विक्रेता सरकारी रेट से 150 रुपये महंगा डीएपी खाद के बैग को बेच रहा है। जिसका एक वीडियो भी किसानों ने बना कर शिवपुरी समाचार को भेजा है। यहा तक की इस दुकान पर एक आधार कार्ड पर 3 बैग ही दिये जा रहे है।
जबकि एक किसान को नियम के अनुसार आवश्यकता पडने पर 10 बैग दिये जाना नियम में है। फिलहाल यहां डीएपी खाद की बिक्री बंद कर दी है। किसानों ने बताया कि कहता है। कि अभी खाद कम आ रहा है। आपको चाहिए तो ब्लैक में मिलेगा। इसके अलावा पोहरी,करैरा,कोलारस में भी ऐसी शिकायतें मिली है। जहां विक्रेता अपनी मनमानी कर खाद की कालाबाजारी कर रहे है।
इनका कहना है
खाद की कालाबाजारी प्राइवेट लाइसेंस वाली विक्रेता कंपनियां कर रही है। हमने उसे मना किया है। कि वह किसी भी दवा व खाद को अन्य खाद के साथ किसानों को ना दे इस कारण से ही खाद की कीमत बडी है। क्योंकि वह किसानों को खाद के साथ सफलो की दवा भी लेने के लिए फोर्स करते है।
जब किसान दवा नही लेते है तो दुकानदार किसानों को अधिक रेट मे खाद देता है। और किसान अधिक पैसे देकर विक्रेताओं से खाद खरीद लेते है।आपके द्वारा बताया गया कि बदरवास सब्जी मंडी के सामने मनोज बीज भंडार पर खाद की कालाबाजारी की जा रही है। तो में वह दिखवा कर कार्यवाही करता हूॅ। जिले में डीएपी खाद की कोई किल्लत नही है पर्याप्त खाद उपलब्ध है।
जिला कृषि अधिकारी यू.एस.तोमर शिवपुरी