शिवपुरी। मध्य प्रदेश में आदर्श आचार संहिता प्रभावी है। चुनाव का टाइम टेबल जारी हो चुका है। निर्वाचन कार्यालय शिवपुरी ने शांति से चुनाव संपन्न कराने के लिए कर्मचारियों की चुनावी ड्यूटी लगाना शुरू कर दी है,लेकिन निर्वाचन कार्यालय ने शिवपुरी विकलांग कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी। विकलांग तो छोड़िए अनकॉसिंस मरीजों तक चुनाव में ड्यूटी लगा दी।
ऐसे हैरान परेशान कर्मचारी आज जिला पंचायत में कलेक्टर शिवपुरी के द्वारा बनाए गए डॉक्टरों के पैनल पहुंचा था। कई कर्मचारी अपने परिजनों के कंधो पर बैठकर इस पैनल के समक्ष प्रस्तुत हुए थे। कुल मिलाकर चुनाव ड्यूटी लगाते समय यह नही देखा गया कि कर्मचारी स्वास्थ्य है कि नही या वह विकलांग है या नही अगर है तो कितना प्रतिशत है। चूकि सवधित विभाग अपने कर्मचारियों की सूची के साथ पूरा डाटा भेजता है,लेकिन डाटा भेजते समय यह गडबडी हुई है। विभाग का कहना है कि हमने विकलांग प्रमाण पत्र साथ में भेजे है वही निर्वाचन कार्यालय का कहना है कि ऐसा नही हुआ है।
अपनी चुनाव ड्यूटी कैंसिल कराने अपनी तीन पहिया गाड़ी से सहायक शिक्षक राजकुमार शर्मा एकीकृत माध्यमिक विद्यालय छावनी क्रमांक 1 में पदस्थ पहुंचे थे। शिक्षक ने बताया कि मै चल भी नही सकता हूं और मैं 75 वे 99 प्रतिशत विकलांग हूं और मेरी नौकरी भी इसी सर्टिफिकेट के आधार पर लगी है लेकिन मेरी चुनाव में अब ड्यूटी लगा दी है,अब में अपनी चुनावी ड्यूटी कैंसिल कराने आया हूं।
इसी प्रकार शिक्षक ज्योति रानी जैन जिन्है 3 माह पूर्व ब्रेन हेमरेज हुआ था अब वह अनकॉसिंस है अपने ही परिजनों को पहचान नही सकती है बोल नही सकती है। उनका बेटा अतिवीर जैन अपने वाहन से डॉक्टरों के पैनल के पास पहुंचा है। बेटे ने बताया कि पिछले 3 माह से मेडिकल लीव पर है और कह नही सकते कि कब तक वह स्वस्थ होगी,फिलहाल तो वह अपनों को ही नही पहचान पा रही है।
इस प्रकार 60 प्रतिशत विकलांग शिक्षक ज्योति श्रीवास्तव मोहनी सागर माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ है वह भी अपनी चुनाव की ड्यूटी कैंसिल कराने आई थी। इसी प्रकार मिथलेश शर्मा पीडब्ल्यूडी की कर्मचारी है वह भी 70 प्रतिशत से अधिक विकलांग थी यह भी डॉक्टरों के पैनल के समक्ष उपस्थित हुई थी। इसी प्रकार लगभग 25 शिक्षक ऐसे ही अपनी चुनावी ड्यूटी कैंसिल कराने पहुंचे थे।