पिछोर। विधानसभा चुनाव में लगने वाली ड्यूटी में दिव्यांग शिक्षकों को इससे दूर रखा जाता था, लेकिन इस बार जिला निर्वाचन कार्यालय से ऐसे शिक्षकों को भी चुनाव में लगा दिया। यह खुलासा बुधवार को तब हुआ, जब पिछोर में आयोजित मास्टर ट्रेनरों के प्रशिक्षण में पैरों से 70 फीसदी दिव्यांग शिक्षक भी वहां ट्रेनिंग लेने पहुंचे। इतना ही नहीं इस बार तो प्रशासन ने चिकित्सकों की एक टीम भी गठित कर दी, ताकि यदि कोई कर्मचारी बीमारी का आवेदन लेकर आए, तो डॉक्टर्स की टीम उसका स्वास्थ्य परीक्षण करके उसके आवेदन की सच्चाई को सामने लाए।
पिछोर के स्थानीय शासकीय बालक उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में तैनात किए जाने वाले मतदान केंद्र कर्मचारियों का प्रशिक्षण बुधवार को मास्टर ट्रेनरों द्वारा दिया गया। इसमें कई 40 से लेकर 70 प्रतिशत तक दिव्यांग प्रशिक्षण में परेशान देखे गए। इन दिव्यांग कर्मचारियों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि पिछले कई विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में उनकी ड्यूटी नहीं लगाई गई, लेकिन इस बार उन्हें प्रशिक्षण में भी बुलाया गया। इतना ही नहीं कुछ दिव्यांग कर्मचारी अपनी ड्यूटी निरस्त कराने के लिए अधिकारियों की टेबल तलाशते भी दिखाई दिए।
शासकीय प्राथमिक विद्यालय बूढ़ोन में पदस्थ शिक्षक प्रतिपाल सिंह परमार 70 फीसदी पैरों से दिव्यांग है, जबकि प्रावि पहाड़पुर बड़ेरा में पदस्थ शिक्षक ओमकारलाल रजक भी पैरों से अत्यधिक दिव्यांग हैं। यह शिक्षक बमुश्किल चलकर प्रशिक्षण तक पहुंच रहे थे, ऐसे में वे चुनाव के दौरान अपनी ड्यूटी कैसे कर पाएंगे, यह चिंता उन्हें भी सता रही है।
डॉक्टरों की बनाई टीम
चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए कई बार शासकीय कर्मचारी खुद को बीमार बताकर ड्यूटी कैंसिल कराने का आवेदन देते थे। इस बार कलेक्टर ने डॉक्टरों का एक पैनल बना दिया, जिसमें मेडिसिन से लेकर स्त्री रोग विशेषज्ञ तक को शामिल किया है। डॉक्टरों की यह टीम हर समय मौजूद रहेगी, जो ऐसे कर्मचारियों का स्वास्थ्य परीक्षण करेगी, जो बीमारी का कारण बताकर चुनाव ड्यूटी से अपना नाम कटवाने का आवेदन लेकर आया है।
गलती उनके संकुल की ही रही
हमने दिव्यांग की ड्यूटी नहीं लगाई, बल्कि पहले ही एक लिंक दी गई थी, जिसमें संकुल प्रभारी को अपने स्टाफ में यदि कोई दिव्यांग है, तो उसका नाम हटाना था। गलती उनकी तरफ से ही हुई है, जिनकी ड्यूटी लगी है, उन्हें हटा देंगे। वैसे पोहरी में तो कई दिव्यांग ने ड्यूटी लगवाई है।
रविंद्र कुमार चौधरी, जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर