शिवपुरी। सरकार ने सुरक्षित प्रसव के लिए तमाम योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है लेकिन उसके बाद भी प्रसूताओं की मौत नही रुक रही। खबर एक प्रसूता के मामले में सतनवाड़ा स्वास्थ्य केंद्र से मिल रही है कि प्रसव कराने पहुंची प्रसूता को मेडिकल कॉलेज शिवपुरी के लिए रेफर कर दिया था,लेकिन प्रसूता की मेडिकल कॉलेज पहुचने से पूर्व ही मौत हो गई,वही इसके साथ प्रसुता की कोख में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।
जानकारी के मुताबिक, करसेना पंचायत के जंगल मुड़खेड़ा गांव की रहने वाली भारती आदिवासी पत्नी रूप सिंह (22) आदिवासी को प्रसव पीड़ा होने के बाद सतनवाड़ा के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। लेकिन कुछ ही देर बाद उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। लेकिन प्रसूता ने मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया।
प्रसूता भारती आदिवासी के चाचा बुद्आ आदिवासी ने बताया कि मेरी भतीजी भारती आदिवासी के गर्भवती होने के 9 माह पूरे हो चुके थे। प्रसव पीड़ा के बाद उसे सतनवाड़ा के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था।
वह अस्पताल में पैदल चलकर गई थी। लेकिन डॉक्टरों ने बिना कुछ बताएं ही वहां से मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। इस दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। डॉक्टर ने मौत का कारण भी नहीं बताया। डॉक्टर की लापरवाही के चलते पेट में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई। इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है। पुलिस ने महिला के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद जांच शुरू कर दी है।