SHIVPURI NEWS - NGT के निर्देश मझेरा क्षेत्र के अवैध उत्खनन में भराव के लिए 118.96 लाख लीज धारकों से वसूला जाए

Bhopal Samachar
शिवपुरी। एनजीटी मे दायर याचिका में शिवपुरी के मझेरा क्षेत्र के राजस्व एवं वन भूमि में चल रहे अवैध उत्खनन को लेकर अधिवक्ता अभय जैन ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी जिसमे प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर विभिन्न निर्देश दिए गए थें इस निर्देश में सबसे बड़ा निर्देश अवैध उत्खनन कर्ताओ को लिए परेशानी का कारण बन रहा है। निर्देश में स्पष्ट रूप से कहा गया कि अवैध उत्खनन क्षेत्र के भराव क्षेत्र को भरने के लिए 118.96 लाख पूर्व लीज धारकों से वसूला जाए।

मामला यह था कि, कलेक्टर शिवपुरी द्वारा अक्टूबर 2021 में मझेरा क्षेत्र के सर्वे क्र. 357, 357/1, 358/1, 314, 315, 316 में पत्थर उत्खनन हेतु विज्ञप्ति जारी की थी माधव राष्ट्रीय उद्यान की सीमा से 2 किलोमीटर के क्षेत्र को इको-सेंसिटिव जोन घोषित किया जा चुका है जिसमे किसी भी प्रकार की खनिज एवं सम्बंधित गतिविधियाँ नही की जा सकती हैंI कलेक्टर शिवपुरी द्वारा मझेरा क्षेत्र में जो सर्वे नंबर पर पत्थर उत्खनन हेतु विज्ञप्ति जारी की थी।

वो माधव राष्ट्रीय उद्यान की 2 किलोमीटर की परिधि में आता था जो कि नियम विरुद्ध था एवं जिसको लेकर एनजीटी में याचिका दायर की गई मझेरा क्षेत्र के मोरई में वन भूमि पर बहुत समय से अवैध उत्खनन हो रहा है जो कि गूगल की सॅटॅलाइट फोटो में देखा जा सकता है और जिस पर आजतक कोई भी ठोस कार्यवाही नही की गई है इसको लेकर भी एनजीटी में याचिका दायर की गई

एनजीटी द्वारा गठित कमिटी द्वारा मौके पर जाकर जांच की गई एवं पाया गया कि पूर्व में किये गए उत्खनन का भराव आजतक नही किया गया है लेकिन समिति द्वारा वन क्षेत्र में जाकर उत्खनन की जांच नही की गई जिस पर आपत्ति याचिकर्ता द्वारा की गई एवं सुनवाई में भी रखी गई, संचालक, खनिज विभाग भोपाल एवं कलेक्टर शिवपुरी ने एनजीटी द्वारा दिए गए निर्देशों के पालन में प्रतिवेदन तैयार किया है।

जिसमें अवैध उत्खनन क्षेत्र में भराव करने के लिए एक माइन रिक्लेमेशन प्लान तैयार किया है जिसमे कुल 118.96 लाख का खर्च आना है जो कि कार्यालय कलेक्टर के पास उपलब्ध नही है इसलिए राज्य स्तर से दिए जाने का अनुरोध किया है।

एनजीटी द्वारा दिए गए निर्देश में यह साफ़ कहा गया है कि उत्खन्न क्षेत्र में भराव एवं अन्य कार्य के लिए चाही गई राशीयदि शासन के पास कम है तो पूर्व के लीज धारकों से वसूली जाए जिसके ऊपर कार्यवाही चल रही है।

दिनांक 13 अक्टूबर को एनजीटी के समक्ष सुनवाई में संचालक, खनिज विभाग भोपाल द्वारा अवगत कराया गया कि पूर्व लीज धारकों को खदान में माइन रिक्लेमेशन प्लान के लिए आवश्यक राशि की वसूली के लिए नोटिस जारी किये का चुके हैं। अगली सुनवाई 20 दिसम्बर को नियत है जिसमे संचालक को पालन प्रतिवेदन पेश करने को निर्देशित किया हैं।