SHIVPURI NEWS - स्कूल शिक्षा विभाग:पदोन्नति प्रक्रिया में 400 अपत्ति देख फूले विभाग के हाथ पैर,आज बुलाया

Bhopal Samachar

शिवपुरी। पदोन्नति के विकल्प के तौर पर शिक्षक विभाग में चल रही उच्च पद के प्रभार की प्रक्रिया नियमित संवर्ग और अध्यापक संवर्ग के मावि से उमा शिक्षक तक पूरी हो गई। बुधवार को प्रावि से मावि पद पर काउंसलिंग सुबह 10 बजे तय थी, लेकिन वरिष्ठता सूची में विसंगतियों की भरमार ने शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर ही सवाल खड़ा कर दिया।

बुधवार को इस संवर्ग के अंग्रेजी, हिन्दी और गणित विषय की काउंसलिंग होना था, लेकिन सूची देखकर ही अध्यापक संगठनों से लेकर शिक्षकों की नाराजगी सामने आ गई। एक-दो अध्यापक नहीं बल्कि कहीं पूरे तो कहीं अधूरे विकासखंड में कार्यरत अध्यापक ही सूची से नदारद थे।

सुबह करीब 11 बजे डीईओ समर सिंह राठौड़ ने काउंसलिंग स्थल उत्कृष्ट विद्यालय पहुंचे सैकड़ों अध्यापकों से संवाद के लिए एक हाल में जब पूछा कि किसे क्या आपत्ति है ? बताएं, तो वहां मौजूद सभी खड़े हो गए। हालात यह बने कि सूची में विसंगतियों की भरमार का इल्म डीईओ को हुआ तो वह भी कुछ देर बाद काउंसलिंग स्थल से रवानगी डाल गए।


इस दौरान एलडीटी से यूडीटी की शेष बची काउंसलिंग अमला कराता रहा। वहीं सूची में
विसंगति को लेकर करीब चार सौ आवेदन आए जिन्हें विभाग शाम करीब सात बजे तक अपडेट नहीं कर पाया। परिणाम स्वरूप देर रात आठ बजे अंततः सभी विषयों के शिक्षकों की काउंसलिंग निरस्त कर गुरूवार को आने का फरमान जारी कर दिया गया। जब डीईओ समर सिंह राठौड़ को फोन लगाए गए तो उन्होंने फोन ही अटैंड नहीं किए।

महर्षि की मार्कशीट पर दोहरा मापदंड

काउंसलिंग के दौरान जो आपत्ति सामने आई हैं उनमें सबसे ज्यादा महर्षि विश्वविद्यालय द्वारा जारी अंकसूची को लेकर है। इस विश्वविद्यालय से कई शिक्षकों ने विषयगत डिग्री हासिल करने का दावा करते हुए विषय विशेष में योग्यता को दर्शाया है लेकिन सूची में यहां भी दोहरा मापदंड सामने आया है।

बीते वर्षों में इसी विश्वविद्यालय की मार्कशीट के आधार पर कई शिक्षकों को सूची में शामिल किया गया है। जबकि वर्तमान में आपत्ति जताने वाले शिक्षकों को हुबहू इसी तरह की मार्कशीट पर अपात्र बताकर चलता कर दिया गया।

नरवर ब्लाक का अमला ही नदारद
जिस वरिष्ठता सूची के आधार पर काउंसलिंग होनी थी उस सूची में से 1998 से लेकर अब तक कार्यरत अध्यापक संवर्ग का पूरा अमला ही नदारद था तो लगभग यही हाल करैरा का भी था, जिसमें आधे से अधिक कार्यरत अध्यापक संवर्ग के शिक्षक सूची से नदारद थे। यहां गौर करने वाली बात यह है कि सिर्फ आपत्तियों के ही निराकरण का दावा किया गया है, जबकि पूरे विकासखंड का एक कुनवा ही सूची से नदारद है।

इनका कहना है
शिवपुरी जिले में वरिष्ठता सूची में सबसे ज्यादा विसंगति को लेकर शिकायत सामने आई हैं। हम इस संबंध में संबंधितों से जवाब तलब तक रहे हैं। यदि कहीं भी कोई लापरवाही बरती गई है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
दीपक कुमार पांडे, संयुक्त संचालक शिक्षा ग्वालियर संभाग