SHIVPURI NEWS - नरवर में आयुष्मान स्वास्थ्य कैंप: 300 मरीज आये थे लेकिन इलाज नहीं मिला

Bhopal Samachar
नरवर। नरवर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आयुष्मान भव अभियान अंतर्गत आयुष्मान स्वास्थ्य मेला आयोजित हुआ। आयुष्मान स्वास्थ्य मेले में कुल लगभग 300 मरीजों को दवाएं उपलब्ध कराई गईं। इस बीच चिकित्सा अधिकारियों ने स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना व मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बताया गया।

नरवर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आयुष्मान भव अभियान के तहत आयोजित शिविर के लिए सीबीएमओ ने आशा कार्यकर्ता को निर्देश दिए थे इसके बावजूद करीब तीन सौ मरीज इलाज कराने पहुंचे जहां उन्हें सिर्फ जांच के नाम पर ठेंगा मिला,इलाज के नाम पर केबिन से डॉक्टर ही नदारद रहें,इतना ही नहीं मरीजों को शिविर में आए डॉक्टरों ने बाहर प्राइवेट मेडिकल से दवाएं लाने को बोल दिया जिससे कई ग्रामीण बिना इलाज के ही अपने घर लौट गए।

अनिता जाटव ग्राम बडखाई की रहने वाली ने बताया कि मेरी तबियत खराब हो जाती हैं मेरी नस फूल जाती हैं, इसी कारण आज में यहां लगे शिविर में जांच कराने के उद्देश्य से आई थी। लेकिन यहां पर कोई भी जांच नहीं की गई, बस दवाइयां पकड़ाकर विदा कर दिया। और मेरा अभी तक आयुष्मान कार्ड भी नहीं बन पाया। और यहां कैंप में हमें ना ही खाने को कुछ मिला।

वृद्ध महिला कलावाई ने बताया कि मैं बड़ी खाई से आज नरवर में लगे इस कैंप में इलाज करवाने के लिए आई हुई थी। लेकिन यहां कोई इलाज नहीं हुआ मेरा बस एक टेबलेट देकर कहा कि अब तुम जाओ ठीक हो जाओगी। और मेरा बेटा, बहू, खतम हो गये। बस मेरे पास मेरा एक नाती और नाती हैं। हमें सरकार की तरफ से आज तक कोई भी सुविधा नहीं मिली।

वृद्ध घनसुराम ग्राम पारागढ़ ने बताया कि मुझे थोड़ी टीबी की शिकायत हो गई थी। अस्पताल में लगे कैंप में मुझसे कहा की आप मेडीकल पर चले जाना और वहां से ये दबाई ले आना, लेकिन मेरे पास पैसा ना होने के कारण मैं दवाई नहीं लेकर आया, मैंने सोचा था कि यहां कैंप लगा हैं यहां फ्री में मेरा इलाज हो जायेगा। लेकिन यहां तो मुझसे बहार से दबाई लाने की और कहने लगे। और यहां जो सरकारी खाना बना था। वो भी हमें नहीं मिला। हम सुबह से परेशान हो रहे हैं।

वृद्ध महिला पार्वती कुशवाह ने बताया कि मेरे हाथ पैर दुखते हैं, मेरी नींद तक लगती हैं, जब मैं ये हाथ पैर बांधती हूं तब, और मैं ये सोचकर यहां इस कैंप में इलाज कराने आई थी। कि यहां मेरा थोड़ा ठीक के इलाज हो जायेगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ यहां तो कोई डॉक्टर ही नहीं आया।

आशा कार्यकर्ता अमरू बाई ग्राम बरखाड़ी ने बताया कि मेरे साथ 8 मरीज आये थे। लेकिन इस कैंप में मात्र मरीजों को दबाई दे दी गई। उसके अलावा ना ही कोई जांच हुई। तथा जो खाना बना था, वो भी मरीजों को नहीं खिलाया गया। हम तो इस कैंप में इस उम्मीद के साथ आये थे। कि यहां जांच करके इलाज हो जायेगा। और दवाईयां भी सही से मिल जायेंगी।