शिवपुरी। शिवपुरी जिले के कोलारस तहसील में हुए सहकारी बैंक के करोड़ों रुपए के घोटाले का दंश जनता को भुगतना पड़ रहा है। खाते धारकों के खाते में लाखों रुपए जमा है लेकिन नोटबंदी जैसे भुगतान मिल रहा है। सहकारी बैंक में कदम रखते ही नोटबंदी जैसी यादे आने लगती है कि 2 हजार रुपये ही मिलेगे।
खनियाधाना तहसील के जिला सहकारी बैंक में खाता धारक अपने ही पैसे निकालने मे असहज हो रहे है। खाताधारक अपने पैसे निकालने दूर दराज के ग्रामों से आते है और जब बैंक में अपने पैसे निकालने पहुंचते है तो सहकारी बैंक में मौजूद कर्मचारियों द्वारा अधिक रुपए देने से मना कर दिया जाता है।
अगर खाता धारकों को इमरजेंसी रुपए की जरूरत होती है तो बैंक कर्मियों द्वारा उन्हें हजार दो हजार रुपए दिए जाने की बात कही जाती है। अगर खाताधारक के द्वारा लाख फरियाद करने पर बैंक में पैसे नहीं होने की बात कहकर उन्हें वापस भेज देते है। सहकारी बैंक में हुए करोड़ों के घोटाले के बाद कई सालों से बैंक की आर्थिक व्यवस्था डगमगाई हुई है।
बैंक अपने ही खाताधारकों के जमा पैसे को लौटाने में असमर्थता जता रही है। खनियाधाना कस्बे के सहकारी बैंक के बाहर अपना पैसा निकालने पहुंचे किसानों में नाराजगी देखी गई।
इनका कहना है
अभी मैडम बता रही है बैंक की रिकवरी नहीं हो रही अभी बैंक शाखा कोलारस में जो घोटाला हुआ है 80,90 करोड़ घोटाला हुआ है उसकी भी रिकवरी नहीं हुई इस वजह से बैंक की आर्थिक स्थिति खराब होने से लोगों के पैसे समय में पर नहीं मिल पा रहे है संभावना बैंक की स्थिति जल्दी सुधरेगी
जयवीर धाकड़, बैंक मैनेजर