शिवपुरी। श्रीमंत विजया राजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय शिवपुरी में चिकित्सा अभिलेख अधिकारी के पद पर हुई भर्ती फर्जी डिग्री के आधार पर हासिल करने का आरोप है। मामले में जब शिकायत हुई तो जांच के लिए जो पत्र जारी किया गया, उस पत्र पर तत्कालीन डीन के फर्जी हस्ताक्षर और जांच में संबंधित अभ्यर्थी के जवाब को भी नियमों को ताक पर रखकर बिना आवक-जावक के जमा करने का आरोप वर्तमान डीन पर लगाया गया है।
इस मामले में डीएमई, संचालक चिकित्सा शिक्षा, प्रमुख सचिव व अवर सचिव को दर्ज कराई गई है। शिकायत के अनुसार वर्ष 2021 में शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में मेडिकल रिकॉर्ड अधिकारी की भर्ती हुई थी। इस पद पर मेडिकल कालेज में अंकुर जैन नामक अध्यर्थी को चयनित किया गया था। अंकुर के चयन उपरांत 18 मई 2022 को मामले में मंदसौर निवासी अभिजीत तिवारी नामक व्यक्ति ने मेडिकल कालेज के तत्कालीन डीन अक्षय निगम को मेल के माध्यम से दर्ज कराई कि अनुप्रमाणन पत्र में गलत हलफनामा एंट्री करने एवं आवश्यक अनिवार्य योग्यता नहीं होने संबंधी शिकायत दर्ज कराई।
इस शिकायत की जांच के लिए अंकुर जैन को डीन अक्षय निगम के नाम से पत्र जारी किया गया। इस पत्र के माध्यम से दो दिन के भीतर अंकुर जैन को जवाब देने के लिए कहा गया। शिकायतकर्ता सुनील समाधिया के अनुसार जब अंकुर जैन ने जवाब दिया तो उसे भी तत्कालीन अधीक्षक व वर्तमान डीन केबी वर्मा ने बिना कोई आवक- जावक किए जमा कर लिया। जब 6 अक्टूबर 2023 को समस्त दस्तावेजों की प्रति आरटीआई के माध्यम से कालेज प्रबंधन ने उपलब्ध करवाई तो इस पूरे घालमेल का खुलासा हुआ।
मामले की शिकायत 7 अक्टूबर को संचालक चिकित्सा शिक्षा को दर्ज कराई गई है। इसके अलावा डीएमई, संचालक चिकित्सा शिक्षा, प्रमुख सचिव व अवर सचिव को भी मामले की दर्ज कराई गई है। शिकायतकर्ता का कहना है कि इस मामले में मैंने एमआरडी प्रभारी को भी शिकायत दर्ज करवा कर अवगत करवाया था, परंतु उन्होंने भी शिकायत को नजरंदाज कर दिया।
अंक सूची जारी करने वाली संस्था ने कहा कि हमारी नही है
अनुसूची की सत्यता परखने के लिए मेडिकल कालेज ने श्रम मंत्रालय से जानकारी चाही गई तो श्रम मंत्रालय द्वारा भी स्पष्ट किया गया कि आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक एंड फिजिकल हेल्थ साइंसेस, अलीपुर दिल्ली नामक संस्था रोजगार महानिदेशालय, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा संचालित नेशनल कैरियर सर्विस पोर्टल पर पंजीकृत नहीं है।
इस संस्था को इस तरह का कोर्स कराने के लिए किसी भी तरह की मान्यता प्रदान नहीं की गई। मंत्रालय द्वारा लिखे गए पत्र में यह भी उल्लेख है कि पत्र संख्या डीजीई-यू-112211/2/2017-ईई-2 के संबंध में रोजगार महानिदेशालय द्वारा जारी करने के संबंध में कोई उल्लेख नहीं है। ज्वाइंट सेक्रेट्री आफ लेवर एम्प्लायमेंट जैसा कोई भी पद रोजगार निदेशालय में मौजूद नहीं है। मंत्रालय द्वारा 7 नवंबर 2022 को जारी किए गए इस पत्र के बावजूद मेडिकल कालेज द्वारा फर्जी नियुक्ति के इस मामले को दबा कर रखा गया ।
इनका कहना है
तत्समय निःसंदेह मैं प्रभार में रहा होऊंगा इसलिए मैंने अपने हस्ताक्षर किए होंगे। इसके अलावा संबंधित ने मामले की शिकायत न्यायालय में भी दर्ज करा दी है। कोर्ट का जो भी निर्णय आएगा वह मान्य किया जाएगा।
डा. केबी वर्मा, डीन मेडिकल कालेज