कैलाश की किस्मत फिर मार रही है जोर,प्रद्युम्न वर्मा कर सकते है हाथी की सवारी,गोटू भी संपर्क में

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी जिले की पांच विधानसभा सीटों पर 3 विधानसभा सीटों पर बसपा का वोट प्रतिशत तीसरे नंबर पर आता है। करैरा में एक बार बसपा का प्रत्याशी जीत चुका है वही पोहरी में पिछले 2 चुनावों पर हाथी दूसरे नंबर पर आ रहा है। इस बार जिले की तीन विधानसभा सीटों पर हाथी प्रमुख दलों का गणित बिगाड़ सकता है क्योंकि कांग्रेस से नाराज दो नेता हाथी की सवारी कर सकते है।

कैलाश की किस्मत मार रही है जोर-वर्मा हाथी की सवारी करने को तैयार

पोहरी विधानसभा से कैलाश कुशवाह और प्रद्युम्न वर्मा कांग्रेस से टिकट की मांग कर रहे थे,लेकिन कैलाश कुशवाह टिकट की रेस में जीत गए। पोहरी में विकास की बात कम जातिवाद की राजनीति अधिक है। पोहरी में बसपा के वोट प्रतिशत की बात करे तो 2013 में बसपा को 22.39 प्रतिशत मत मिले थे और पिछले 2018 के चुनाव में मतों में हिस्सेदारी 32 प्रतिशत तक पहुंच गई। वही 2020 के उपचुनाव में भी हाथी का वोट प्रतिशत 28 था। हाथी पर सवारी कर रहे कैलाश कुशवाह दूसरे नंबर पर था।

जानकारी मिल रही है कि कांग्रेस से नाराज होकर प्रदुमन वर्मा हाथी से सवारी कर सकते है। अगर ऐसा होता है तो फिर धाकड़ समाज के दो उम्मीदवार मैदान में होने से धाकड वोटो का बाटने का अनुमान है,अगर 2018 के चुनाव की बात करे तो कैलाश कुशवाह कम वोटो से हारे थे कारण मैदान में दो प्रत्याशी धाकड़ समाज से थे।

माना जा रहा है पोहरी विधानसभा से राज्य मंत्री सुरेश राठखेडा या प्रहलाद भारती उम्मीदवार हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में फिर पोहरी के रण में 2 धाकड़ समाज के उम्मीदवार मैदान में होंगे इस स्थिति में धाकड़ वोट आपस में बांटने का अनुमान है,इसलिए कह सकते है कि कैलाश कुशवाह की किस्मत फिर जोर मार रही है।

वहां पर आदिवासी वोट बहुत अधिक हैं जिससे बसपा को लाभ मिलता है। वहीं करैरा विधानसभा की बात करें तो यहां 20 वर्ष पहले बसपा ने 28 प्रतिशत वोट हासिल करके जीत दर्ज की थी। पिछले में भी बसपा को 23 प्रतिशत मत मिले थे। कोलारस में बसपा करीब 10 प्रतिशत मत हासिल करती है। 15 हजार से अधिक वोट लेकर यह दलों का समीकरण बिगाड़ देती है। इस बार भी चुनाव में बसपा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी क्योंकि कोलारस और पोहरों में असंतुष्ट कांग्रेसी हाथो के चिन्ह पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। पोहरी से प्रद्युम्न वर्मा का नाम लगभग तय है और कोलारस से भी टिकट न मिलने पर जितेंद्र जैन गोटू बसपा के संपर्क में हैं। हालांकि कोलारस से बसपा नवल धाकड़ की अपना प्रत्याशी बना चुकी है, लेकिन इसमें फेरबदल हो सकता है।

गोटू बसपा के संपर्क में, इंतजार भाजपा की सूची का

कोलारस कोलारस में बसपा को जीत तो नहीं मिली, लेकिन 15 से 20 हजार वोट इससे प्रभावित होते हैं। पिछले चुनाव में यहां बसपा प्रत्याशी ने 9.58 प्रतिशत यानी 16483 मत हासिल किए थे। यहां से कांग्रेस में जितेंद्र जैन और बैजनाथ यादव दावेदार थे, लेकिन मौका बैजनाथ सिंह को मिला। जितेंद्र जैन भाजपा से कांग्रेस में गए थे और उन्हें टिकट का आश्वासन दिया गया था।

अब उनका राजनीतिक भविष्य ही खटाई में पड़ता दिख रहा है। वह बसपा के संपर्क में बने हुए हैं और यहां पार्टी अपना दावेदार बदल सकती है,सूत्रों का कहना है कि जितेंद्र जैन गोटू सिर्फ भाजपा की सूची का इंतजार कर रहे है अगर उनके बड़े भ्राता को कोलारस या शिवपुरी से टिकट नही मिलता है तो वह कोलारस के रण में बसपा के हाथी पर सवारी कर मैदान में उतर सकते है। अगर ऐसा होता है तो मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।

20 साल पूर्व करैरा में जीती थी बसपा

20 साल पहले यहां से बसपा जीत दर्ज करा चुकी है। इस बार जो कांग्रेस से प्रत्याशी हैं प्रागीलाल जाटव वे पहले बसपा से लड़ चुके हैं। पिछले चुनाव में उन्हें बसपा से 23.08 प्रतिशत 40026 मत मिले थे। इसके बाद उपचुनाव में कांग्रेस से मौका मिला और जीते। इस बार भी बसपा यहां अपना प्रत्याशी खड़ा करेगी। यहां पार्टी का अच्छा खासा वोट बैंक है जो दोनों दलों के समीकरण बदलेगा। वैसे भी करैरा में मुद्दों पर जातिगत समीकरण ही हावी रहते हैं। यहां बसपा जीत हासिल करने के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर ही रहती है। वर्ष 2013 के चुनाव में भी बसपा ने 27.53 प्रतिशत वोट हासिल किए थे।