ललित मुदगल @ शिवपुरी। आज चुनाव आयोग ने आदर्श आचारा संहिता की घोषणा करते हुए मप्र का चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया। अब राजनैनिक दल,प्रशासन और पब्लिक चुनाव मोंड पर आ चुके है,इसलिए अब केवल चुनाव की चर्चा ही होगी,मै शिवपुरी विधानसभा है और सबसे पहला विधानसभा चुनाव 1951 मे संपन्न हुुआ था,शिवपुरी विधानसभा के सबसे पहले कांग्रेस के विधायक तुलाराम थे, उसके बाद उपचुनाव हुआ था मालोजी निर्दलीय विधायक बने 1957 में तुलाराम कांग्रेस ,1962 आनन्द स्वरूप कांग्रेस से विधायक बने।
1967 में मप्र में चुनाव हुए और सुशील बहादुर अष्ठाना जनता पार्टी के उम्मीदवार विधायक चुने गए,इसके बाद 1972 में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए ओर शिवपुरी की जनता ने सुशील बहादुर अष्ठाना को पुन:शिवपुरी ने अपना विधायक के रूप में स्वीकार किया।
1977 में जनता पार्टी के फिर प्रत्याशी महावीर प्रसाद जैन के रूप में चुने गए। 1980 के विधानसभा के चुनाव में गणेश गौतम कांग्रेस से लगातार दो बार विधायक रहे।
1990 के विधानसभा के चुनाव में सुशील बहादुर अष्ठाना निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते। इस चुनाव में नाटकिय घटनाक्रम हुआ भाजपा ने विनोद गर्ग टोडू का अपना प्रत्याशी घोषित किया था लेकिन राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने सुशील बहादुर अष्ठाना को अपना समर्थन दिया था। इसी कारण ही सुशील बहादुर अष्ठाना निर्दलीय के रूप में चुनाव में विजयी हुए थे।
सन 1990 के विधानसभा चुनाव में देवेन्द्र जैन भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लडे और विजयी हुए थे। 1998 के चुनाव से राजमाता की लाडली बेटी यशोधरा राजे सिंधिया की राजनीतिक सफर की शुरूवात हुई और इस चुनाव में विजय श्री का वरण किया। 2003 के चुनाव में यशोधरा राजे सिंधिया ने शिवुपरी विधानसभा से चुनाव लडा और विजयी हुई।
शिवपुरी विधानसभा में 2006 में उपचुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस के प्रत्याशी वीरेन्द्र रघुवंशी विजयी हुए। 2008 के चुनाव मे माखन लाल राठौर को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया और माखनलाल राठौर इस चुनाव में विजयी हुए। 2013 के विधानसभा के चुनाव में यशोधरा राजे सिंधिया ने पुन:शिवपुरी विधानसभा से चुनाव लडा ओर विजयी हुई।
2018 के विधानसभा के चुनाव में यशोधरा राजे सिंधिया चुनाव लडी रिकॉर्ड मतो से विजय हुई। इस बार 2023 के चुनाव में यशोधरा राजे सिंधिया ने चुनाव लडने से इंकार कर दिया। शिवपुरी विधानसभा से 4 बार यशोधरा राजे सिंधिया सबसे अधिक विधायक रही,वही दूसरे नंबर पर सुशील बहादुर अष्ठाना 3 बार विधायक रहे। कांग्रेस के गणेश गौतम 2 बार लगातार विधायक रहे है।