शिवपुरी। खबर समाज को शर्मसार करने वाली है कि पोहरी के कब्रिस्तान में बीती रात्रि कब्रिस्तान में एक 15 साल की किशोरी का शव टॉर्च की रोशनी में दफनाया गया। शव दफनाते समय का यह वीडियो अब सोशल पर वायरल हो रहा है। इससे पूर्व मानसून के समय में पोहरी के मुक्तिधाम पर बरसते पानी में तिरपाल लगाकर अंतिम संस्कार करने के मामले का भी वीडियो सोशल पर वायरल हुआ था।
पोहरी में भाजपा के सुरेश राठखेडा विधायक होकर सरकार में राज्य मंत्री है साथ मेे पोहरी के दो नेता जो पोहरी से राजनीति करते है वह भी दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री है। तीन राज्य मंत्री वाले नेताओं की कर्मभूमि में अंतिम संस्कार ओर शव दफनाने के ऐसे वीडियो वायरल हो रहे है। अब इसे किस विकास की संज्ञा दे समझ से परे है,अब आइए मूल समाचार की ओर चलते है।
पोहरी में कुएं पर पानी भरने गई किशोरी की मौत
जैसा कि विदित है कि बीते रोज शुक्रवार की सुबह पोहरी कस्बे के वार्ड क्रमांक 4 नयागांव की रहने वाली 15 साल की नेहा पुत्री नजीर हुसैन आज दोपहर घर के पास कुएं पर पानी भरने के लिए गई हुई थी। नेहा काफी देर तक वापस नहीं लौटी। इसके बाद परिजन नेहा को तलाशते हुए कुएं पर पहुंचे थे जहां नेहा का शव तैरता हुआ मिला। शव को निकालकर अस्पताल ले जाया गया।
जहां डॉक्टर ने मृत होने की पुष्टि कर दी। पोहरी थाना पुलिस ने किशोरी केे शव को पीएम के लिए भेजते हुए मामले में मर्ग कायम करते हुए जांच शुरू कर दी थी। बताया गया है कि जिस वक्त बालिका कुएं पर पानी भरने गई हुई थी उस वक्त कुएं पर कोई नहीं था, जिसने यह घटना देखी होती कयास लगाए जा रहे हैं कि बालिका संभवतः पैर फिसलने के चलते कुएं में गिर गई होगी। जिससे उसकी पानी मे डूबने से मौत हो गई।
परिजन सहित पुलिस देर शाम तक पोस्टमार्टम सहित अन्य कागजी कार्यवाही में लगे रहे थे। इसी के चलते रात के समय पोहरी किला के पास स्थित कब्रिस्तान में किशोरी के दफनाने की प्रक्रिया रोशनी न होने के चलते टॉर्च के सहारे पूरी की गई। जब किशोरी का शव कब्रिस्तान में दफनाया जा रहा था उस समय यह वीडियो बनाकर वायरल कर दी।
पोहरी जातिवाद से श्रापित विधानसभा है:विकास मुद्दा नही
शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा एक ऐसी विधानसभा है जहां विकास कोई मुद्दा नही है यहां सिर्फ जातिवाद की राजनीति हावी है। पोहरी में धाकड और ब्राह्मण समाज के नेताओं को मुख्य पार्टी टिकट देना पसंद करती है। जिले की पांचों विधानसभा के विकास की बात करे तो पोहरी विधानसभा सबसे पिछडी विधानसभा है। इससे बड़ा उदाहरण क्य हो सकता है कि पोहरी विधानसभा को जिस विधानसभा पोहरी के नाम से पहचाना जाता है वह पिछले 3 साल पूर्व ही नगर पंचायत बनी है इससे पूर्व पोहरी ग्राम पंचायत थी।
इसमें गलती नेताओं की नही—विधानसभा के लोगो की है
बात कड़वी है लेकिन पोहरी विधानसभा के लोगो को यह समझनी चाहिए कि विकास जातिवाद से नही होता है-नेता जातिवाद से नही चुने बल्कि विकास करने वाले नेता को चुने। पोहरी विधानसभा जो स्वयं आपकी विधानसभा है अब नेताओं से विकास की बात करे।
9 हजार की आबादी:नाम नगर पंचायत सुविधाए ग्राम पंचायत जैसी
नगर परिषद पोहरी की जनसंख्या 9 हजार से भी ज्यादा है। पोहरी को नगर परिषद को बने 2 वर्ष से अधिक हो चुके है। इसके बावजूद पोहरी कस्बे के मुक्तिधाम और कब्रिस्तान के हाल दूरदराज के गांव जैसे बने हुए है यहां न ही टीन शेड की व्यवस्था की गई है और न ही रोशनी सहित पीने और बैठने की व्यवस्था की गई है। यही वजह है कि बारिश के दिनों में अंतिम संस्कार और दफनाने की प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए जरूरत की सामग्री के साथ तिरपाल को भी ले जाया जाता है।
आईए पोहरी की राजनीतिक ताकत की समीक्षा करते है
पोहरी विधानसभा से वर्तमान विधायक सुरेश राठखेड़ा प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री है। वही पोहरी के पूर्व विधायक पोहरी से पूर्व विधायक प्रहलाद भारती और नरेंद्र बिरथरे को मध्यप्रदेश सरकार ने वर्तमान में राज्य मंत्री का दर्जा दे रखा है। तीनो ही राज्य मंत्री पोहरी विधानसभा के बीजेपी से टिकट में मांग कर रहे है। इसमें से खास बात यह है कि नरेंद्र बिरथरे और प्रहलाद भारती की जन्मभूमि शिवपुरी विधानसभा है राजनीति की एबीसीडी शिवपुरी से ही सीखी है लेकिन कर्मभूमि बनाया पोहरी विधानसभा को,कारण स्पष्ट है पोहरी में केवल जातिवाद की राजनीति है विकास मुद्दा नही होता है। अबकी बार शायद जनता पोहरी में दावेदारों से विकास की बात करे। जातिवाद को हावी ना होने दे।
पोहरी में भाजपा के सुरेश राठखेडा विधायक होकर सरकार में राज्य मंत्री है साथ मेे पोहरी के दो नेता जो पोहरी से राजनीति करते है वह भी दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री है। तीन राज्य मंत्री वाले नेताओं की कर्मभूमि में अंतिम संस्कार ओर शव दफनाने के ऐसे वीडियो वायरल हो रहे है। अब इसे किस विकास की संज्ञा दे समझ से परे है,अब आइए मूल समाचार की ओर चलते है।
पोहरी में कुएं पर पानी भरने गई किशोरी की मौत
जैसा कि विदित है कि बीते रोज शुक्रवार की सुबह पोहरी कस्बे के वार्ड क्रमांक 4 नयागांव की रहने वाली 15 साल की नेहा पुत्री नजीर हुसैन आज दोपहर घर के पास कुएं पर पानी भरने के लिए गई हुई थी। नेहा काफी देर तक वापस नहीं लौटी। इसके बाद परिजन नेहा को तलाशते हुए कुएं पर पहुंचे थे जहां नेहा का शव तैरता हुआ मिला। शव को निकालकर अस्पताल ले जाया गया।
जहां डॉक्टर ने मृत होने की पुष्टि कर दी। पोहरी थाना पुलिस ने किशोरी केे शव को पीएम के लिए भेजते हुए मामले में मर्ग कायम करते हुए जांच शुरू कर दी थी। बताया गया है कि जिस वक्त बालिका कुएं पर पानी भरने गई हुई थी उस वक्त कुएं पर कोई नहीं था, जिसने यह घटना देखी होती कयास लगाए जा रहे हैं कि बालिका संभवतः पैर फिसलने के चलते कुएं में गिर गई होगी। जिससे उसकी पानी मे डूबने से मौत हो गई।
परिजन सहित पुलिस देर शाम तक पोस्टमार्टम सहित अन्य कागजी कार्यवाही में लगे रहे थे। इसी के चलते रात के समय पोहरी किला के पास स्थित कब्रिस्तान में किशोरी के दफनाने की प्रक्रिया रोशनी न होने के चलते टॉर्च के सहारे पूरी की गई। जब किशोरी का शव कब्रिस्तान में दफनाया जा रहा था उस समय यह वीडियो बनाकर वायरल कर दी।
पोहरी जातिवाद से श्रापित विधानसभा है:विकास मुद्दा नही
शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा एक ऐसी विधानसभा है जहां विकास कोई मुद्दा नही है यहां सिर्फ जातिवाद की राजनीति हावी है। पोहरी में धाकड और ब्राह्मण समाज के नेताओं को मुख्य पार्टी टिकट देना पसंद करती है। जिले की पांचों विधानसभा के विकास की बात करे तो पोहरी विधानसभा सबसे पिछडी विधानसभा है। इससे बड़ा उदाहरण क्य हो सकता है कि पोहरी विधानसभा को जिस विधानसभा पोहरी के नाम से पहचाना जाता है वह पिछले 3 साल पूर्व ही नगर पंचायत बनी है इससे पूर्व पोहरी ग्राम पंचायत थी।
इसमें गलती नेताओं की नही—विधानसभा के लोगो की है
बात कड़वी है लेकिन पोहरी विधानसभा के लोगो को यह समझनी चाहिए कि विकास जातिवाद से नही होता है-नेता जातिवाद से नही चुने बल्कि विकास करने वाले नेता को चुने। पोहरी विधानसभा जो स्वयं आपकी विधानसभा है अब नेताओं से विकास की बात करे।
9 हजार की आबादी:नाम नगर पंचायत सुविधाए ग्राम पंचायत जैसी
नगर परिषद पोहरी की जनसंख्या 9 हजार से भी ज्यादा है। पोहरी को नगर परिषद को बने 2 वर्ष से अधिक हो चुके है। इसके बावजूद पोहरी कस्बे के मुक्तिधाम और कब्रिस्तान के हाल दूरदराज के गांव जैसे बने हुए है यहां न ही टीन शेड की व्यवस्था की गई है और न ही रोशनी सहित पीने और बैठने की व्यवस्था की गई है। यही वजह है कि बारिश के दिनों में अंतिम संस्कार और दफनाने की प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए जरूरत की सामग्री के साथ तिरपाल को भी ले जाया जाता है।
आईए पोहरी की राजनीतिक ताकत की समीक्षा करते है
पोहरी विधानसभा से वर्तमान विधायक सुरेश राठखेड़ा प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री है। वही पोहरी के पूर्व विधायक पोहरी से पूर्व विधायक प्रहलाद भारती और नरेंद्र बिरथरे को मध्यप्रदेश सरकार ने वर्तमान में राज्य मंत्री का दर्जा दे रखा है। तीनो ही राज्य मंत्री पोहरी विधानसभा के बीजेपी से टिकट में मांग कर रहे है। इसमें से खास बात यह है कि नरेंद्र बिरथरे और प्रहलाद भारती की जन्मभूमि शिवपुरी विधानसभा है राजनीति की एबीसीडी शिवपुरी से ही सीखी है लेकिन कर्मभूमि बनाया पोहरी विधानसभा को,कारण स्पष्ट है पोहरी में केवल जातिवाद की राजनीति है विकास मुद्दा नही होता है। अबकी बार शायद जनता पोहरी में दावेदारों से विकास की बात करे। जातिवाद को हावी ना होने दे।