अतुल जैन @ बामौरकला। खबर शिवपुरी जिले के पिछोर अनुविभाग के बामौरकला थाना सीमा में स्थित जंगल में तेंदुआ के हमले से एक अधेड की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि युवक जंगल में लकड़ी काटने गया था अचानक से तेंदुआ ने युवक पर हमला कर दिया। हमले से बचने के लिए युवक ने दौड़ लगाई जिससे वह पत्थर की बाउंड्री से टकरा गया जिससे उसकी मौत हो गई। युवक की मौत होने के बाद वन विभाग का अमला जंगल की ओर रवाना हो गया है।
जानकारी के अनुसार खनियाधाना तहसील के अंतर्गत आने वाले थाना बामौरकलां के ग्राम निबोदा में रहने वाले परशुराम चौबे उम्र 50 साल आज सुबह 10 बजे जंगल में गए थे। परिजनों का कहना था कि जंगल में झिरना नाम का एक झरना है वहां जाकर नहा कर और साथ में लकड़ी काटकर लाने के लिए कहकर गए थे। बताया जा रहा है कि परशुराम जंगल में पहुंचे और नहाने के बाद कुल्हाड़ी से लकड़ी काट रहे थे तभी अचानक तेंदुआ ने हमला कर दिया।
परशुराम चौबे के परिवारिक भाई भाई सुरेश चौबे ने बताया कि जब यह लकडी काट रहे थे तब अचानक से तेंदुआ ने हमला कर दिया,हो सकता है कि तेंदुआ पेड़ पर ही बैठा हो। अचानक हुए इस हमले से परशुराम ने भागना शुरू कर दिया। मौके पर जब पहुंचे तो कम से कम आधा किलोमीटर पहाड़ से नीचे की ओर उन्होंने दौड़ लगाई है कई बार यह पत्थरों से गिरे भी है पत्थरो पर खुन के निशान भी देखे गए है।
ग्रामीणों एवं चरवाहों के अनुसार बताया जा रहा है कि निबोदा के जंगल में पिछले कई दिनों से एक तेंदुआ को देखा जा रहा है और उसने कई जानवरों का भी शिकार किया है और ग्रामीणों ने इसकी सूचना फॉरेस्ट विभाग को भी दी थी पर फॉरेस्ट विभाग ने कोई सर्चिंग अभियान नहीं चलाया जिससे आज एक बड़ी अनहोनी हो गई फिलहाल ग्रामीणों ने तत्काल फॉरेस्ट विभाग को सूचना दी तो फॉरेस्ट विभाग भी मौके पर पहुंचा और फॉरेस्ट विभाग ने अपनी जांच शुरू कर दी है।
वही बामोर कला थाना प्रभारी पुनीत बाजपेई ने एक जांच दल बनाकर मौके पर भेजा है और पुलिस विभाग भी अपनी जांच कर रहा है फिलहाल युवक की डेड बॉडी को पीएम के लिए बामोर कला पुलिस ने खनियाधाना अस्पताल में भेज दिया है।
इनका कहना है
मृतक को खून की उल्टी हुई है। मृतक के शरीर पर किसी भी जंगल जानवर के हमले के निशान नही मिले है। तेंदुए के खाए जाने की केवल ग्रामीणों ने अफवाह फैलाई है। मृतक का पीएम भी हो चुका है। इस मामले में मर्ग कायम कर जांच की जा रही है।
पुनीत बाजपेयी, थाना प्रभारी बामौरकलां