करैरा। शिवपुरी जिले के करैरा अनुविभाग में आने वाले सुरवाया थाना सीमा ने अपने वाले गांव मोहनगढ़ में निवास करने वाली एक महिला ने आर्थिक तंगी के कारण जहर का सेवन कर लिया है। तबीयत बिगड़ने के बाद महिला को उपचार के लिए पति द्वारा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जिला अस्पताल में उपचार करा रही सरस्वती आदिवासी ने बताया कि मेरा मायका मायापुर थाना क्षेत्र के पीपलखेडा गांव में है। जहां मेरे भाई की तबीयत अत्यधिक खराब थी आज सुबह मेरी भाभी ने मुझे भाई को देखने के लिए मायके आने की बात फोन पर कही थी। मेरे चार बच्चे हैं मैं जैसे-तैसे मजदूरी कर गुजारा कर रही थी। मेरे पास आने-जाने को पैसे भी नहीं थे। यह बात जब मैंने अपने पति से कहीं तो पति ने मेरे मायके वालों को मुझे आकर ले जाने की बात कही। इसी बात से आहत होकर मैंने घर में रखी चूहे मारने की दवा को पी लिया।
सरस्वती आदिवासी के पति विनय आदिवासी का कहना है कि मैं आज सुबह मजदूरी के लिए घर से निकल गया था सुबह मेरी पत्नी सरस्वती ने अपने मायके अपनी भाभी से बात की थी। मैंने आर्थिक तंगी होने के चलते मायके वालों से सरस्वती को घर से आकर ले जाने की बात कह दी थी।
इसी बात से नाराज होकर सरस्वती ने चूहे मारने की दवा गिलास में घोलकर पी ली। मेरी बहन ने मुझे तत्काल इस बारे में सूचना दी थी। मौके पर पहुंचकर मैंने अपनी पत्नी के हाथ से गिलास छीन लिया था। गनीमत रही कि उसने चूहे मारने की दवा कम ही पी पाई थी जिससे उसकी जान बच गई सरस्वती का उपचार जिला अस्पताल में जारी है।